पेरशानियां देख शिमला में जमीन खरीदने का छोड़ा सपना
शिमला – शिमला में आसमान छूती फ्लैट्स व जमीनों की कीमतों ने यहां के लोगों में सोलन के प्रति आकर्षण बढ़ाया है। हालांकि अब वहां भी जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं, मगर सोलन की चंडीगढ़ से समीपता और उपयुक्त आबोहवा के चलते किन्नौर से लेकर शिमला तक के लोग सोलन बसने के प्रयास में रहते हैं। शिमला की पेयजल किल्लत हर दिन लगते ट्रैफिक जाम व आधारभूत ढांचे की कमी ही मुख्य वजह है कि साधन संपन्न लोग अब सोलन को पसंद करने लगे हैं। सोलन शहर से बाहर भी स्थानीय लोग जमीनों की तलाश में जुटते हैं। औद्यौगिक क्रांति से सूर्खियों में आया सोलन इसलिए भी पसंदीदा स्थल बनने लगा है, क्योंकि यहां भवन निर्माण के लिए सामग्री सस्ती पड़ती है। पंजाब व चंडीगढ़ से समीपता, रेल लिंक व अच्छी शिक्षण संस्थाएं सोलन को प्रभावी बना रही है। आम लोग ही नहीं, सरकारी निर्माण एजेंसी हिमूडा के भी ज्यादातर निर्माण कार्य या तो सोलन में चलते हैं या फिर सिरमौर में। एजेंसी द्वारा जो सर्वेक्षण किए गए, उनमें अभी भी सोलन में भवन निर्माण के लिए बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। शायद यही वजह रही कि सेटेलाइट टाउन के लिए स्किल इन्फ्रास्ट्रकचर कंपनी ने भी 10 दस पहले सोलन को ही चूना था। वाकनाघाट में इसकी तैयारियां थीं, मगर राजनीतिक कारणों से यह नहीं बस सका। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भी सोलन में सर्वेक्षण हुआ, मगर मैटीरियोलॉजिकल दिक्कतों की वजह से यह सिरे नहीं चढ़ पाया। शिमला खरीददारी के लिए महंगे शहरों में शूमार है। यहां शिक्षा भी महंगी है, खरीददारी भी । इसकी तुलना में सोलन कहीं सस्ता है। चाहे सब्जी की मार्केट हो या फिर रेडीमेड गारमेंट्स की, पंजाब के सस्ती शहरों की तुलना सोलन से करने वाले लोग आम है। शिमला की ही तर्ज पर सोलन को आधुनिक क्षेत्रों में शामिल किया जा रहा है। जब से इसके औद्यौगिक क्षेत्रों में विकास बढ़ा है, लोगों का और ज्यादा आकर्षण यहां बढ़ा है। आम लोग ही नहीं, शिमला में कार्यरत अफसरशाही के लिए भी सोलन बड़ा आकर्षण बनने लगा है। बाहरी प्रदेशों से जो अधिकारी शिमला सर्विस के लिए आते हैं, वे सोलन में जमीन या फ्लैट की तलाश जरूर करते हैं। हालांकि आईएएस अधिकारियों की यहां अपनी कालौनी है, जिसका और विस्तार जारी है। बावजूद इसके सोलन साधन संपन्न व मध्यम वर्गीय लोगों के लिए अब स्वर्ग साबित हो रहा है। यही वजह है कि यहां भी अब जमीनों की कीमतें आसमान छूने लगी है।
ये भी है बड़ी वजह
शिमला में सड़कों का वर्गीकरण है। राजधानी होने के चलते यहां रिस्ट्रिक्टिड व सील्ड रोड़ निर्धारित हैं। लोग अपने घरों तक अपने ही वाहनों में बिना परमिट के आवाजाही नहीं कर पाते हैं। दूसरे शहर में अब विस्तार के लिए जगह भी नहीं बची है। लिहाजा लोग ऐसी दिक्कतों से निजात पाने के लिए ही सोलन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
बर्फबारी व बरसात में दिक्कतें
शिमला में बावजूद मौसम बदलाव के बर्फबारी की दर साल दर साल बढ़ने लगी है। बरसात के दिनों में भी जमीनें धंसने, पेड़ सरकने की घटनाएं आम होती है। वानर समस्या दिनोंदिन विकराल हो रही है। बच्चों को स्कूल से लाना या ले जाना हो, अभिभावकों को या तो नौकर रखने पड़ते हैं या फिर वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ती है। सोलन में मैदानी इलाकों की तर्ज पर स्कूल बसों की अच्छी सुविधा हैं। यहां पुराने व स्तरीय स्कूल भी आकर्षण पैदा करते हैं।
विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !
पूरी खबर पढ़े >>
source: DivyaHimachal
Post a Comment