मटौर — बरसात के मौसम में कांगड़ा विधानसभा के दो पंचायतों के 2700 बाशिंदे घरों में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं। जलाड़ी और जनयांकड़ नामक इन दोनों पंचायतों के लिए जाने वाला एक मात्र मार्ग बरसात के दिनों में खड्ड में पानी आने के कारण बंद हो जाता है। नतीजा यह कि यह दोनों पंचायतें पूरे प्रदेश से ही कट जाती हैं। इन दोनों पंचायतों को आने-जाने के लिए केवल एक मात्र यही मार्ग है। बरसात के दिनों में लोगों को अपनी जान खतरे में डालकर यहां बहने वाली खड्ड पार करनी पड़ती है। हालांकि यहां पर पहले काज-वे था लेकिन इस बार आई भारी बरसात और खड्ड में आए पानी से वह बह गया। इस मार्ग पर काज-वे बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के पास तीन लाख रुपए का बजट मौजूद है, लेकिन यहां के बाशिंदों के लिए रेलवे की एनओसी सबसे बड़ी बाधा बन गई है, क्योंकि यह मार्ग रेलवे ब्रिज के नीचे से होकर बनना है तथा रेलवे से अब तक इस बाबत एनओसी ही नहीं मिल पाई है। नतीजा यह कि बरसात के दौरान स्कूली बच्चों, बीमार लोगों को लाने ले जाने में खासी दिक्कतें लोगों को पेश आती हैं। जलाड़ी की प्रधान मीना कुमारी और जनयांकड़ की प्रधान श्रेष्ठा कुमारी ने बताया कि पिछले लंबे समय से इस मार्ग को दुरुस्त करने की मांग उठाई जाती रही है। बरसात के दिनों में पंचायतें अन्य क्षेत्र से कट जाती हैं। हालांकि यहां काज-वे बनाने के लिए बजट मौजूद है, लेकिन उसका इस्तेमाल ही नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि बरसात का मौसम लोगों के लिए बड़ी आफत बन जाता है।
source: DivyaHimachal
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