बिना टीचर कैसी पढ़ाई


नाहन — एक तरफ तो प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा में गुणवत्ता के दावे करती है वहीं दूसरी ओर जिला सिरमौर के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में स्कूली प्रवक्ताओं के 237 पद रिक्त पड़े हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में छात्रों का भविष्य कितना सुरक्षित है। जिला सिरमौर में 99 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं हैं, जिनमें स्कूली शिक्षकों के विभिन्न विषयों के 746 स्कूली प्रवक्ताओं के पद स्वीकृत हैं। इनमें से वर्तमान में 509 स्कूली प्रवक्ताओं के भरे हैं, लेकिन जिला के स्कूलों में 237 पद अभी भी स्कूली प्रवक्ताओं के खाली पड़े हैं। यानी औसतन प्रत्येक स्कूल में दो से अधिक स्कूली प्रवक्ताओं की जरूरत है। जिला के कुछ वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं तो ऐसी हैं जहां स्कूली प्रवक्ताओं के पद तो स्वीकृत हैं, लेकिन स्कूल में मात्र एक पद पर ही स्कूली प्रवक्ता है। यही नहीं जिला सिरमौर के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में प्रधानाचार्यों के 99 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 51 स्कूलों में प्रिंसीपल हैं, जबकि 48 स्कूल लंबे अरसे से प्रिंसीपलों की बाट जोह रहे हैं। बताते हैं कि जिला सिरमौर प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है, जहां कर्मचारियों के सबसे अधिक पद रिक्त पड़े हैं। यदि रिक्त पदों की बात करें तो वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के अलावा हाई स्कूलों व माध्यमिक स्कूलों में भी शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त पड़े हैं। जिला सिरमौर में 77 हाई स्कूल हैं। इन हाई स्कूलों में मुख्याध्यापक के 77 पद स्वीकृत हैं। इनमें 44 स्कूलों में तो मुख्याध्यापक तैनात हैं, लेकिन 33 हाई स्कूलों में हैडमास्टरों के पद रिक्त पड़े हैं। उधर, इस संबंध में जब शिक्षा उपनिदेशक सेकेंडरी दीक्षा मल्होत्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रिक्त पदों को लेकर विभाग के आला अधिकारियों व सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है।







source: DivyaHimachal

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