रामपुर बुशहर — मौसम ने अभी से अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। शनिवार शाम को बारिश व तूफान ने कई जगहों पर ओलावृष्टि हुई, जिससे सेब की फसल पर काफी असर पड़ा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बाहली व नरैण पंचायत में शनिवार को काफी ओलावृष्टि हुई, जिससे यहां पर सेब की फसल काफी प्रभावित हुई है। बागबानों का कहना है कि 15 से 20 मिनट तक रुक-रुक कर ओलावृष्टि होती रही, जिससे यहां पर हाल ही में हुई फ्लावरिंग पर काफी असर पड़ा है। बाहली पंचायत के पूर्व प्रधान विरेंद्र भलूनी का कहना है कि जिस तरह से इस बार बर्फबारी हुई है उससे सभी बागबानों ने यह उम्मीद पाल ली थी कि इस बार उनकी सेब की फसल बेहतर होगी, लेकिन जिस तरह से मौसम अभी से ही अपने तीखे तेवर दिखाने लग गया है उससे बागबानों की उम्मीदें डगमगा गई हैं। शनिवार शाम को हुई ओलावृष्टि ने बाहली, नरैण, जराशी, सुंगरी में 30 प्रतिशत सेब की फसल को प्रभावित किया है। ओलावृष्टि इतनी जबरदस्त थी कि सेब की फ्लावरिंग व सेब के बीमें टूट गए। बाहली गांव के जयसिंह का कहना है कि उन्होंने सुबह अपने बागीचे से काफी संख्या में टूटे हुए बीमें व फूल एकत्रित किए। यह ऐसा समय है जब फ्लावरिंग अपने शबाब पर है। ऐसे में अगर इसी तरह एक दो बार ओलावृष्टि हुई तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस ओलावृष्टि से उनके बागीचे को 30 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है। यही हाल आसपास के बागीचों का है। वहीं लालसा व गौरा के कुछ क्षेत्रों में भी ओलावृष्टि हुई है। सेब की फसल का यह पहला चरण है। यही ऐसा समय होता है जब सेब की फसल का भविष्य तय हो पाता है। अगर फ्लावरिंग सही ढंग से सेट हो जाती है तो निश्चित तौर से सेब की फसल बेहतर होगी। अगर इसी तरह से मौसम सेब की फसल को नुकसान पहुंचाता रहा तो आने वाले समय में बागबानों की दिक्कतें बढ़ना तय हैं। विभाग का कहना है कि वह फिल्ड स्टाफ को नुकसान के आकलन के बारे मे कहेगा। फिलहाल ओलावृष्टि ने कितना नुकसान पहुंचाया है इस बारे में सही सही आंकड़ा देना मुश्किल है।
source: DivyaHimachal
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