20 लाख के पिंजरे में कैद होंगे तेंदुए


ददाहू — केंद्रीय जू प्राधिकरण ने वन्य प्राणी संरक्षण स्थल एवं प्रदेश के वन्य विहार में हिमाचल प्रदेश की स्थानीय स्पीशीज के संरक्षण पर ध्यान देने की बात कही है। वहीं स्थानीय राज्य स्तरीय एवं राष्ट्र स्तरीय पक्षियों के संरक्षण व किस्मों को बढ़ावा दिए जाने के भी निर्देश वन्य प्राणी विभाग को दिए हैं। ये निर्देश सी एंड जैडए के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं सदस्य सचिव एके मल्होत्रा ने तीन वर्ष बाद हुए रेणुका जू के निरीक्षण दौरे के दौरान यहां वन्य प्राणी विभाग को दिए। यदि ऐसा होता है, तो रेणुका वन्य प्राणी संरक्षण स्थल में प्रदेश, राष्ट्रीय व स्थानीय पक्षियों के विलुप्त होते स्पीशीज को जहां संरक्षण मिलेगा, वहीं पर्यटकों के लिए विभिन्न किस्मों के दुर्लभ पक्षियों के भी दीदार हो सकेंगे। वहीं रेणुका वन्य प्राणी संरक्षण स्थल में रखे गए एशिया प्रजाति के शेरों की भी अब बंद कर दी गई ब्रीडिंग के दोबारा प्रजनन के संकेत मिल गए हैं। ब्लड सैंपल लेने के बाद यदि डीएनए पाजिटिव रहा तो यहां प्रजनन प्रक्रिया से शेरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। वहीं वन्य प्राणी विभाग द्वारा 20 लाख की लागत से तैयार कर लिए गए तेंदुए के पिंजरे में तेंदुए का जोड़ा लाने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। प्रदेश की पहली लायन सफारी के विकास के लिए प्रदेश सरकार के वन मंत्री द्वारा भी रुचि ली जा रही है। वहीं सी एंड जैडए यदि 11 करोड़ के मास्टर प्लान को अप्रूवल कर देता है, तो रेणुका जू का यह मास्टर प्लान लगभग 2022 तक पर्यटकों को भरपूर आकर्षण का केंद्र होगा, वहीं प्रदेश सरकार द्वारा लिए फैसले में अब रेणुका परिक्रमा मार्ग व पार्किंग स्थल की फीस निजी भागीदारी से समाप्त कर वन्य प्राणी विभाग के सरकारी दरों पर पहले की तरह शुरू कर दी गई है।







source: DivyaHimachal

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