चंबा — जिला की चुराह घाटी में सक्रिय चरस माफिया ने लोगों की मुफलिसी का फायदा उठाते हुए महिलाओं को काले धंधे से दोबारा से जोड़ना आरंभ कर दिया है। सोमवार रात्रि चुराह घाटी की महिला का चरस की खेप के साथ पकड़े जाना इसका पुख्ता प्रमाण है। हालांकि यह जिला में चरस की खेप के साथ किसी महिला का पकड़े जाने का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी गाहे-बगाहे चरस के साथ महिला तस्कर पकड़ी जाती रही है, मगर एक लंबे अरसे के बाद चरस तस्करी में महिला की संलिप्तता जगजाहिर होने के बाद पुलिस के कान भी खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि पुलिसिया सख्ती को देखते हुए चरस माफिया अब पुरुषों की बजाय महिलाओं को सुरक्षित टारगेट समझ रहा है। और चरस की खेप को इधर से उधर पहुंचाने में महिलाओं का सहारा ले रहा है। गरीबी का दंश झेल रही चुराह घाटी की महिलाएं भी चंद रुपए की खातिर जोखिम उठाने से गुरेज नहीं कर रही हैं, मगर पुलिस को चरस माफिया र्की इस रणनीति की भनक लग गई है। पुलिस अब चंबा-तीसा मार्ग पर नाके लगाकर महिला कर्मियों को भी साथ रख रही है, ताकि कोई महिला तस्कर चरस की खेप को जिला से बाहर ले जाने में कामयाब न हो सके। सोमवार रात्रि पुलिस को मिली कामयाबी इसी मुहिम का एक हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि जिला की चुराह घाटी में सक्रिय चरस माफिया पिछले कई वर्षों से पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस की सख्ती के बावजूद माफिया अपना काला कारोबार बेरोकटोक चलाए हुए है। हालिया दौर में पुलिस ने माफिया को नेस्तानाबूद करने के लिए बडे पैमाने पर अभियान छेड़ रखा है, जिसका परिणाम यह रहा है कि इस वर्ष चरस तस्करी में काफी कमी दर्ज की गई है। इस वर्ष अभी तक इक्का-दुक्का चरस तस्कर ही पुलिस के हत्थे चढ़े है, मगर अभी तक काले सोने के अवैध कारोबार में जुटी कोई बड़ी मछली पुलिस के हाथ नहीं चढ़ी है। उधर, पुलिस प्रमुख बीएम शर्मा का कहना है कि जिला में सक्रिय चरस माफिया की हर रणनीति का तोड़ पुलिस के पास है। पुलिस की सख्ती का परिणाम है कि अब लोग चरस के काले कारोबार से हाय-तौबा करने लगे है।
source: DivyaHimachal
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