मंज्याट हाई स्कूल का काम अधर में

अर्की — उपमंडल के राजकीय उच्च विद्यालय मंज्याट में निर्माणाधीन अतिरिक्त भवन का निर्माण पिछले चार वर्षों से चल रहा है। कछुआ गति से चल रहे इस निर्माण कार्य पर स्थानीय ग्रामवासियों में रोष व्याप्त है। यहां तक कि लोग इस विषय पर जनहित याचिका दायर करने के लिए भी तैयार है। विदित हो कि इस अतिरिक्त भवन का शिलान्यास तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव बिंदल द्वारा तीन फरवरी, 2009 को किया गया था। उस समय इस भवन की निर्माण लागत 26 लाख 50 हजार रुपए आंकी गई थी, परंतु चार वर्ष बीत जाने उपरांत भी यह भवन अभी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुआ है, जिससे स्कूल के छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नए बनाए जा रहे इस भवन के चार कमरों में एक प्रयोगशाला तथा कम्प्यूटर कक्ष आदि बनाए जाने थे, लेकिन चार वर्ष के उपरांत भी विद्यालय के छात्र इन सुविधाओं की बाटजोह रहे हैं। इतना ही नहीं निर्माण कार्य में बरती जा रही लापरवाही इतनी अधिक है कि भवन का फर्श उखड़ गया है। कमरों की टाइलें उखड़ गई है तथा दरवाजे भी ढंग से बंद नहीं होते। इसके अतिरिक्त खिड़कियों में शीशे नहीं हैं तथा न ही बिजली की वायरिंग की गई है। इतना ही नहीं, नए भवन को जो लोहे की सीढि़यां लगाई गई हैं, उनमें एक तो गिरने का खतरा बना हुआ है तथा इनके साथ ही पुराने भवन की सीढि़यां भी हैं, जिसको सहारा देने वाल पिल्लर खुदाई के दौरान गिर गया था तथा उसकी जगह कामचलाऊ ईंटों का पिल्लर लगाया गया है, परंतु यह भी कभी भी गिर सकता है, जिससे स्टाफ तथा छात्रों के सीढि़यां उतरते या चढ़ते समय खतरे का सामना करना पड़ता है, क्योंकि यह कभी भी गिर सकती है। चार वर्ष बीत जाने उपरांत भी यह भवन अभी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुआ है, जिससे स्कूल के छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।सीढि़यों को हिलाने से रोकने के लिए बांस का सहारा दिया गया है, जो कि हास्यास्पद है। एसएमसी प्रधान निरंजन ठाकुर का कहना है कि शिलान्यास के समय इस भवन को एक वर्ष के भीतर पूरा करने की बात कही गई थी। यही नहीं, वह कई बार विभाग से इस बारे में शिकायत भी कर चुके हैं, परंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस बारे में लोक निर्माण विभाग अर्की के अधिशाषी अभियंता एचके गुप्ता से बात की गई तो उनका कहना था कि ठेकेदार को समय पर कार्य न करने पर पेनल्टी लगा दी गई है। इसके अतिरिक्त विद्युत विभाग को वायरिंग के लिए पत्र लिखा जा चुका है तथा वायरिंग होते ही तीन माह के भीतर भवन निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।






source: DivyaHimachal

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