नाहन फाउंड्री-गिरि प्रोजेक्ट संग बाइपास के फिरेंगे दिन


नाहन — प्रदेश में सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस सरकार के प्रस्तुत किए जाने वाले पहले बजट पर विकास में फिसड्डी जिला सिरमौर के लोगों ने भी सरकार पर उम्मीदों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले पहले बजट से जिला सिरमौर की करीब एक दर्जन योजनाओं को बजट से उम्मीद बंध गई है। जिला सिरमौर की जहां सबसे ऐतिहासिक व एशिया प्रसिद्ध नाहन फाउंड्री में छोटी श्रेणी के सरकारी क्षेत्र के औद्योगिक घराने की स्थापना को लेकर नाहन के लोग प्रदेश सरकार से उम्मीदें लगाए बैठे हैं, वहीं नाहन शहर की तीसरी गिरि नदी से करीब 55 करोड़ रुपए की उठाऊ पेयजल योजना को लेकर भी बजट की दरकार है। इसके अलावा दशकों से नाहन शहर को भारी वाहनों से निजात दिलाने के लिए नाहन बाइपास योजना भी बजट के अभाव में पिछले कई सालों से फाइलों में धूल फांक रही है। गौर हो कि नाहन शहर की तीसरी पेयजल योजना, बाइपास योजना व तालेबंदी की शिकार नाहन फाउंड्री को यदि प्रदेश सरकार बजट उपलब्ध करवाती है तो नाहन शहर की तस्वीर बदल सकती है। नाहन शहर की सीवरेज व्यवस्था के लिए भी दशकों से बजट उपलब्ध नहीं हो रहा है। नाहन शहर की दशकों पुरानी वर्तमान दो पेयजल योजनाएं बूढ़ी हो चुकी हैं तथा इसकी पूरी पाइपलाइन व मशीनरी बदलने के लिए भी बजट की आवश्यकता है। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब को हरियाणा से जोड़ने वाले प्रवेश द्वार के खस्ताहाल के लिए भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार के पहले बजट में जिला सिरमौर के लोगों को भारी उम्मीद है। प्रदेश की धार्मिक स्थली श्रीरेणुकाजी स्थित लॉयन सफारी के लिए सरकार इस बजट में विशेष बजट का प्रावधान करेगी। इस पर भी सिरमौर जिला के लोगों की नजरें टिकी हुई हैं। इसके अलावा जिला सिरमौर के राजकीय महाविद्यालय नाहन के भवन का निर्माण कार्य अभी तक आरंभ नहीं हो पाया है। इसके अलावा जिला के शिलाई, पांवटा साहिब, संगड़ाह, हरिपुरधार व राजगढ़ स्थित कालेज के पास भी अपने भवन अभी तक नहीं हैं, इसके लिए बजट की आवश्यकता है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले पहले बजट से पांवटा साहिब-शिलाई-हाटकोटी हाई-वे के लिए भी बजट की दरकार है। यह मार्ग वर्तमान में अत्यंत ही दयनीय हालत में है। नेशनल हाई-वे व लोक निर्माण विभाग के बीच यह मार्ग अधर में लटका हुआ है। एशिया प्रसिद्ध सुकेती फासिल पार्क की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार अपने पहले बजट में फासिल पार्क का जिक्र करे इस पर भी जिला सिरमौर के लोगों की उम्मीदें टिकी हुई हैं। शिलाई के लिए टौंस नदी से उठाऊ सिंचाई पेयजल योजना, नैनीधार के लिए उठाऊ पेयजल योजना भी बजट के अभाव में आरंभ नहीं हो पा रही है। इसके अलावा पांवटा साहिब में बाता व यमुना नदी का तटीयकरण व औद्योगिक नगरी कालाअंब को जोड़ने वाली मारकंडा नदी के तटीयकरण के लिए भी बजट की उम्मीद क्षेत्र के लोगों को है। पर्यटन विकास में अभी तक जिला सिरमौर का शिलाई क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा हुआ है। शिलाई के कफोटा, शिलाई, जाखना व नैनीधार क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार को जिला सिरमौर को अतिरिक्त क्षेत्र में शामिल कर विशेष बजट का प्रावधान रखना होगा।







source: DivyaHimachal

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