बिलासपुर — अब फायर सीजन में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील जंगलों को आग से बचाने के लिए वन महकमा साझा वन प्रबंधन समितियों के जरिए जनसहभागिता सुनिश्चित करेगा। इसके लिए समितियां जल्द ही जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएंगी। जंगल बचाने के मद्देनजर लोगों को जागरूक करने के लिए अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल मुख्यालय (फोरेस्ट एंड फायर कंट्रोल) की ओर से प्रदेश भर में गठित साढ़े चार सौ साझा वन प्रबंधन समितियों को निर्देश जारी हुए हैं। इसके अलावा समितियां ही जंगलों में फायर वाचरों की भी तैनाती करेंगी। इसका खर्च वन विभाग खुद वहन करेगा। उल्लेखनीय है कि जंगलों को बचाने के लिए पिछले कुछ सालों से किए गए पुख्ता इंतजाम रंग दिखाने लगे हैं। योजना के तहत कार्य होने से काफी हद तक जंगलों में आग की घटनाओं पर काबू पा लिया गया है। वन विभाग का प्रयास है कि फायर सीजन में जंगलों में आग की घटनाओं को रोका जाए। इसके लिए इस बार प्री-अरेंजमेंट किया गया है। खुद अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल अवतार सिंह ने प्रदेश के नाहन, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, और रामपुर सर्किलों में प्री-अरेंजमेंट फायर लाइन क्लीयरेंस व कंट्रोल बर्निंग के कार्य का रिव्यू किया है। साथ ही जहां कमियां पाई गईं, वहां तत्काल कमियों को दूर करने के लिए कंजरवेटर व डीएफओ को आदेश हुए हैं और संवेदनशील और अतिसंवेदनशील एरिया में कंट्रोल के लिए प्रदेश भर में गठित चार सौ चालीस साझा वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से जनसहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही पहली अप्रैल को ग्राम पंचायतों में होने जा रही ग्राम सभाओं में इस बार वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जनता को जंगल बचाने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेंगे। इसके लिए भी ड्यूटियां फिक्स की जाएंगी।
source: DivyaHimachal
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