ऊना — ऊना मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर स्थित झलेड़ा कस्बा ने पिछले पांच वर्षों से रोजगार के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बना ली है। झलेड़ा कस्बे का विस्तार क्षेत्र लालसिंगी, रायंसरी, टक्का व घालुवाल सीमा तक है। इस कस्बे ने तरक्की करते हुए हजारों लोगों को रोजगार प्रदान किया है और मिनी शहर के तौर पर उभर कर सामने आया है। झलेड़ा व इसकी सीमा के साथ लगे उद्योगों को देखा जाए, तो झलेड़ा क्षेत्र में नई कारों की मारुति एजेंसी खुल गई है। टाइल, चुना, ट्राली बनाने की फैक्टरियां खुलने से क्षेत्र के बेरोजगरांे को घर द्वार पर रोजगार दे रही है। वहीं पेट्रोल पंप में भी बेरोजगारों को रोजगार मिल रहा है। झलेड़ा कस्बा में एक मैरिज पैलेस भी बन गया है। क्षेत्र में ईंट भट्ठा भी स्थापित है। झलेड़ा कस्बा इस समय करीब 1700 लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है। झलेड़ा कस्बे मंे इस समय 250 दुकानों में 600 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। क्षेत्र में चार औद्योगिक इकाइयों में टाइल, चुना, ट्राली बनाने की (दो) इकाइयों में 320 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रूप से रोजगार मिल रहा है। झलेड़ा में एक पेट्रोल पंप में 15 लोग अपनी आजीविका कमा रहे है। पुरी फर्नीचर हाउस मंे क्षेत्र के 30 लोग काम कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। क्षेत्र में मारुति उद्योग में क्षेत्र व आसपास क्षेत्रों के 120 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। झलेड़ा में निजी वाहन व टैक्सियों की संख्या 70 के करीब है, जिनमें क्षेत्र के 150 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। झलेड़ा कस्बा में एक आवास हिलव्यू कालोनी भी है जिसमें इस समय 50 लोगों को रोजगार मिला है। कस्बे में एक मैरिज पैलेस भी है, जिसमें 40 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। झलेड़ा की कालोनी में दो निजी अस्पताल भी स्थापित है, जिसमें 30 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। क्षेत्र में इस समय एक दर्जन के करीब लोग रेहड़ी फडी लगाकर अपनी आजीविका कमा रहे हैं। झलेड़ा मंे छह ब्यूटी पार्लर व बुटीक की दुकानें हैं, जिसमें इस समय 20 लोगों को रोजगार मिला है। झलेड़ा में पांच ढावे भी हैं, जिसमें क्षेत्र के 20 लोग काम कर रहे हैं।
source: DivyaHimachal
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