प्रभु और माता-पिता के चरणों में त्रिवेणी संगम : मुकेश


प्रतिनिधि, सरकाघाट : सरकाघाट उपमंडल की ग्राम पंचायत नवाही के गाव घाड़ में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य मुकेश ने परीक्षित श्राप का वर्णन किया। यह प्रसंग हमें सिखाता है कि व्यक्ति पर जब कामना, इच्छा शक्ति प्रबल होती है, तो अपराध के मार्ग पर चलाती है। उन्होंने कहा कि बाद में पछताना पड़ता है और भाग्यशाली वो है जिससे शुकदेव जी जैसा ज्ञानी जीवन मुक्ति के लिए दर्शन देता है। आचार्य ने कहा कि कथा में सत्संगति इंसान में सदगुणों का आधान करती है। इसका भी वर्णन हुआ। उन्होंने कहा कि संसार के ब



source: Jagran

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