1000 परिवारों को पाल रहा बनीखेत

डलहौजी — अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी डलहौजी के प्रवेश द्वार स्थित बनीखेत कस्बा क्षेत्र के एक हजार परिवारों का चूल्हा जला रहा है। बनीखेत कस्बे में 150 के करीब छोटी-बड़ी दुकानें हैं। जहां पर क्षेत्र के 350 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा फर्नीचर उद्योग, वर्कशॉप, निजी स्कूलों, टैक्सी, मालवाहक वाहनों, कम्प्यूटर संस्थानों समेत पेट्रोल पंप भी यहां के बेरोजगारों के लिए रोजगार का साधन बने हैं। इसके अलावा कस्बे में मौजूद डीएवी कालेज ने स्थानीय पढे़-लिखे युवाओं को रोजगार प्रदान कर रहा है। जानकारी के अनुसार बनीखेत कस्बे में मौजूदा समय में 150 के करीब छोटी-बड़ी दुकानें हैं। साथ ही यहां पर वाहनों की मरम्मत के लिए स्थापित छह वर्कशॉप में 42 लोग कार्य कर अपना चूल्हा जला रहे हैं। बनीखेत कस्बे में इलेक्ट्रानिक्स की तीन बड़ी दुकानें हैं। इसके अलावा चार गेस्ट हाउस हैं। जहां पर 25 को रोजगार मिल रहा है। कस्बे में स्थित डीएवी कालेज ने स्थानीय लोगों को सबसे अधिक रोजगार मुहैया करवाया है। यहां पर 25 से 30 स्थानीय लोग अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अहम है कि पर्यटन नगरी डलहौजी के प्रवेश द्वार पर स्थित बनीखेत कस्बा मौजूदा समय में आसपास की दर्जनों ग्राम पंचायतों का व्यापारिक केंद्र भी है। साथ ही यहां पर निजी स्कूल, कालेज और अस्पताल होने के चलते लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके अलावा रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीददारी के लिए भी लोग बनीखेत कस्बे की ओर रुख करते हैं। कस्बे में चार हार्डवेयर की बड़ी दुकानें, 20 टैक्सियां को मिलाकर कुल 50 वाहन हैं, जो 100 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा कस्बे में स्थित तीन फर्नीचर हाउस में 18 लोगों और एक पेट्रोल पंप पर दस लोगों को रोजगार मिल रहा है। स्थानीय लोगों के मुताबिक पूर्व की अपेक्षा कस्बे में व्यापारिक दृष्टि से दिन-प्रतिदिन दुकानें खुल रही हैं। साथ ही कई बडे़ व्यापारिक केंद्र भी यहां स्थापित हो रहे हैं। इसके चलते लोगों को यहां पर भविष्य में और अधिक रोजगार के साधन मिलेंगे। व्यापार मंडल बनीखेत के प्रधान राजेश शर्मा का कहना है कि मौजूदा समय में कस्बे में दिन प्रतिदिन वाहनों की तादाद में बढ़ोतरी हो रही है। लिहाजा पार्किंग की व्यवस्था न होने के चलते यह समस्या अब विकराल रूप धारण कर रही है। उनका कहना है कि लोक निर्माण विभाग के साथ लगती भूमि पर यहां पर पार्किंग का निर्माण प्रस्तावित है। बावजूद इसके लंबे समय से भी यह निर्माण लटका हुआ है। उनका कहना है कि यहां स्थित दुकानों, शैक्षणिक संस्थानों, वर्कशॉप और अन्य में स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है।






source: DivyaHimachal

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