शिमला — बैंक कर्मियों की हड़ताल का प्रदेश भर में व्यापक असर देखने को मिला है। हड़ताल से जहां आम जनता को खासी परेशानी झेलनी पड़ी, वहीं हड़ताल के पहले दिन करीब 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। बैंक कर्मियों की हड़ताल से प्रदेश भर की 1100 शाखाओं में काम काज ठप रहा। हड़ताल में 20 हजार कर्मचारियों ने भाग लिया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनस के बैनर तले लामबंद्ध कर्मचारियों ने सरकार की नवउदारवादी नीतियों सहित आम जन मानस की मांगों व कर्मचारियों की लंबित मांगों को जोरदार ढंग से सरकार के समक्ष उठाया। इस दौरान प्रदेश भर में कर्मचारियों ने जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई। बैंक कर्मियों ने शिमला में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के बाहर एकत्रित होकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इसके पश्चात सब्जी मंडी शिमला में विभिन्न यूनयिनों के संयुक्त कर्मचारी प्रदर्शन में भाग लिया। हिमाचल प्रदेश बैंक कर्मचारी फेडरेशन के महासचिव प्रेम वर्मा ने कहा कि सरकार सामाजिक दायित्व से मुंह फेर रही है और नवउदारवादी नीतियों को बढ़ावा दे रही है। सरकार को बैंकिग कार्यों व सेवाओं को आउटसोर्स करने की जनविरोधी नीतियों को जल्द बंद करना चाहिए। इससे बैंकों में कर्मचारी व अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया लगभग समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे ग्राहक सेवा स्तर गिरेगा और यह जनहित के लिए घातक सिद्घ होगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक की शाखाओं को बंद, नहीं किया जाना चाहिए और कर्मचारियों की लंबित पड़ी मांगों को नई कंपोशेशन नियुक्ति के तहत लाना चाहिए।
source: DivyaHimachal
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