नाहन में लें सफाई की सुध

नाहन — विधायक डा. राजीव बिंदल ने ‘दिव्य हिमाचल’ में ‘खूबसूरत शहर को बना दिया डस्टबिन’ नामक शीर्षक से छपी खबर का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त जिला सिरमौर और अध्यक्ष नगर परिषद नाहन को पत्र लिखकर शहर की सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का आग्रह किया था। उन्होंने इस समस्या को उठाने के लिए ‘दिव्य हिमाचल’ की भूरि-भूरि प्रशंसा भी की थी। बावजूद इसके शहर के विभिन्न स्थानों व डस्टबिनों के आसपास कूड़े की समस्या जस की तस बनी हुई है। यही नहीं कूड़े के ढेर साफ होने के बजाय और बढ़ते जा रहे हैं। शहर की विभिन्न प्रमुख कालोनियों जैसे हाउसिंग बोर्ड कालोनी, रानी का बाग कालोनी और नवनिर्मित यशवंत विहार कालोनी सरकार द्वारा बसा दी गई है, परंतु इन कालोनियों में सफाई व्यवस्था व कूड़े-कचरे के निपटान की कोई व्यवस्था सरकार ने नहीं की। कहीं ज्यादा ही हुआ तो एक आध डस्टबिन रखवाकर अपने कर्त्तव्य की इतिश्री कर ली और अब इन कालोनियों के लोग कोई समुचित व्यवस्था न होने से या तो यूं ही ढलानों में अपने घरों का कूड़ा-कचरा फेंक रहे हैं और जहां डस्टबिन लगाए गए हैं, वहां डस्टबिन के अंदर कूड़ा कम और बाहर ज्यादा बिखरा रहता है। हाउसिंग बोर्ड में रखे गए कूड़ेदान का नजारा तो इतना घिनौना है कि किसी भी सभ्य व्यक्ति का मन उसे देखकर खिन्न हो जाए। उसके नजदीक से गुजरते हुए इतनी बदबू और घिन आती है कि जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यही नजारा शिमला रोड स्थित साठड़ू की बावड़ी के पास स्थित नाले की ढलान पर कूड़े के ढेरों से उत्पन्न हो गया है। वहीं दूसरी ओर इस प्लास्टिक प्रदूषण की इतनी विकराल समस्या को देखकर भी प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी अपनी आंखें बंद करके कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। उन्होंने अपने कार्यकलापों को केवल शहर की दुकानों पर पोलिथीन की थैलियां जब्त करने तक ही सीमित रखा हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने नाहन शहर में प्लास्टिक प्रदूषण के बढ़ने का कभी भी स्वयं संज्ञान न लेते हुए कोई भी नोटिस, जुर्माना या अन्य कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की है। उधर नगर परिषद का ढुलमुल रवैया भी कूड़े-कचरे की समस्या का एक प्रमुख कारण है। इस बारे पूछने पर नाहन नगर परिषद द्वारा सफाई कर्मचारियों की कमी का रोना रोया जाता है और कोरे आश्वासन ही नगर परिषद की ओर से दिए जाते हैं। शहर के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि नगर परिषद को चाहिए कि वह कूड़ेदानों के बाहर और विभिन्न ढलानों पर कूड़ा फेंकने वालों पर भारी जुर्माना लगाए और ऐसी कुरडि़यों के आसपास चौकसी बढ़ाए और सादी वर्दी में अपने कर्मचारी नियुक्त करे, जो ऐसे लोगों का चालान काटें। इससे जहां एक ओर नगर परिषद की आय में वृद्धि होगी।






source: DivyaHimachal

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