शिमला — हिमाचल प्रदेश छोटा पहाड़ी राज्य होने के साथ-साथ विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा भी प्राप्त है, जिसे केंद्र से रियायतें भी विशेष होनी चाहिएं। यही कारण है कि हिमाचल केंद्र से अपना हक मांग रहा है, ताकि इस प्रदेश को आगे बढ़ाया जा सके। हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार से औद्योगिक पैकेज पर गंभीरता से अमल करके यहां सहूलियतें प्रदान करने की मांग की है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दिल्ली में संबंधित केंद्रीय नेताआें से राज्य की इस मांग को जोर-शोर से उठाया है और कहा है कि हिमाचल को पैकेज की रियायतें वर्ष 2020 तक मिलनी चाहिएं। वीरभद्र सिंह ने दिल्ली से वापस लौटने के बाद कहा कि जब केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों को उनका पैकेज वर्ष 2020 तक बढ़ा सकती है तो हिमाचल को क्यों नहीं। हिमाचल को भी पूर्वात्तर राज्यों के साथ ही विशेष औद्योगिक पैकेज हासिल हुआ था और इसकी अवधि भी 2020 तक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष औद्योगिक पैकेज के तहत हिमाचल को एक्साइज ड्यूटी में रिबेट और कैपिटल सबसिडी का लाभ चाहिए, क्योंकि बिना इसके यहां पर औद्योगिक विस्तार करना बेहद मुश्किल है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश सरकार दूरवर्ती क्षेत्रों तक उद्योगों तक लाना चाहती है। दूरदराज के क्षेत्रों में भी बड़े उद्योग आएं, तभी यहां पर असलियत में औद्योगिक विकास होगा। अभी तक सीमाई क्षेत्रों तक ही उद्योग सिमटे हुए हैं, जिन्हें यहां से अंदरूनी क्षेत्रों में लाना एक बड़ी चुनौती है। इसमें केंद्र सरकार हिमाचल की मदद करे तो प्रदेश को एक नई दिशा मिल सकती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल किसी दूसरे राज्य के पैकेज का कभी विरोध नहीं करता, लेकिन दूसरों को भी उसका विरोध नहीं करना चाहिए और इस बात को केंद्र सरकार को समझना चाहिए। इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से भी बात की है, जिन्होंने आश्वासन दिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार अपने आश्वासन के मुताबिक आगामी बजट में प्रावधान करेगी, इसकी उन्हें पूरी उम्मीद है। केंद्र ने हिमाचल से वादा किया है, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा।
source: DivyaHimachal
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