शिक्षकों का दायित्व और महत्व समाज निर्माण में सर्वाधिक - रोहित ठाकुर

क्रमांक 88/10                                        शिमला, 29 अक्टूबर 2024

शिक्षकों का दायित्व और महत्व समाज निर्माण में सर्वाधिक - रोहित ठाकुर

शिक्षा मंत्री ने जुब्बल के सनबीम इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत 

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षकों का दायित्व और महत्व समाज निर्माण में सर्वाधिक है। इसलिए उनसे आशा रहती है कि वह अपने दायित्व का पूर्ण निर्वहन करेंगे और बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण में अपना योगदान देंगे। 
शिक्षा मंत्री आज जुब्बल क्षेत्र के सनबीम इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस भव्य समारोह में स्कूल के बच्चों एवं शिक्षकों के अतिरिक्त अभिभावक एवं स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे। उन्होंने सभी छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्कूल का समय खेल कूद और पढ़ाई के लिए होता है और उन्हे इस समय का पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने इस दौरान मेधावी छात्रों को पुरस्कृत भी किया। 
गौरतलब है कि सनबीम इंटरनेशनल स्कूल जुब्बल क्षेत्र का एक बड़ा और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है, जहां वर्तमान मे 550 के आसपास विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। स्कूली बच्चों ने गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की और अंत तक एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी, इन कार्यक्रमों में मनोरंजन के अतिरिक्त महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों के विषय में जन सामान्य को जागृत करने के उद्देश्य से भी प्रस्तुति दी गयी जिसे दर्शकों और मुख्य अतिथि द्वारा सराहा गया। 
रोहित ठाकुर ने स्कूल के चेयरमैन रजत चौहान को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दी साथ आने वाले समय के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि जहाँ एक ओर सरकार का प्रयास है कि वह अपने विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा प्रदान करें वहीं सरकार के इस ध्येय में निजी संस्थान भी अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं।

गुणात्मक शिक्षा और प्रदेश के हित में लिए दृढ़ निर्णय
रोहित ठाकुर ने बताया कि शिक्षा मंत्री के रूप में उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरा करने में वह पूर्ण रूपेण कार्यरत है। गुणात्मक शिक्षा और प्रदेश के हित में कुछ दृढ़ निर्णय लिए गए हैं जिसके अंतर्गत हज़ारों की संख्या मे शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। 2022 की शुरुआत मे जहां शिक्षकों के 15000 पद रिक्त पड़े थे और 350 स्कूल ऐसे थे जहाँ कोई शिक्षक नहीं था, साथ ही 3400 ऐसे स्कूल थे जो केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे थे। सरकार ने शिक्षकों की भर्तियां की, जिसके परिणामस्वरुप बिना शिक्षक स्कूल 350 से घटकर 40 के आसपास रह गए हैं और सिंगल टीचर स्कूलों की संख्या में भी काफी कमी आई है। इसी नीति के अंतर्गत दूरदराज के क्षेत्र में अधिक से अधिक पदों को भरा जा रहा है जिससे कि इन दुर्गम क्षेत्र के बच्चों को भी शिक्षा से वंचित न रहना पड़े। 

नेशनल असेसमेंट सर्वे में निजी स्कूल भी लें हिस्सा
दिसंबर माह में भारत सरकार द्वारा करवाया जाने वाले नेशनल असेसमेंट सर्वे के दृष्टिगत शिक्षा मंत्री ने सभी निजी स्कूलों से आह्वान किया कि सरकारी स्कूल के साथ-साथ निजी स्कूल भी इस सर्वे में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले, जिससे हिमाचल प्रदेश का प्रदर्शन अच्छा हो। उन्होंने कहा कि जहाँ एक समय शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल पूरे देश में अग्रणी था वहीं पिछले कुछ वर्षों में इसमें बहुत कमी दर्ज की गई है। किन्तु वर्तमान सरकार और शिक्षा विभाग इस सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं और आशा है कि शीघ्र ही हम एक सम्मानजनक स्थिति में होंगे। 

नशे से दूर रहे छात्र
शिक्षा मंत्री ने नशे से बचने पर विशेष बल देते हुए बताया कि छात्रों को इस व्यसन से दूर रहना चाहिए और किसी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए क्योंकि आज के बच्चे ही भविष्य में राष्ट्र निर्माण करेंगे और इसके लिए अति आवश्यक है कि वे नशों के दलदल से बचे रहे।

यह भी रहे उपस्थित  
इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा, हिमफेड के निदेशक भीम सिंह झौटा, पंचायत समिति के उपाध्यक्ष यशवंत जस्टा, युवा कांग्रेस जुब्बल के अध्यक्ष दीपक कालटा, स्थानीय पंचायत के प्रधान विनोद मोकटा साथ लगती पंचायतों के जनप्रतिनिधि, उपमंडल दण्डाधिकारी जुब्बल गुरमीत नेगी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। 
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