कैथलीघाट से ढली फोरलेन के बीच पड़ने वाले छह गांव के भूमि मालिकों को झटका लगा है। मंडलायुक्त शिमला ने मुआवजा बढ़ाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। आठ साल बाद मामले में मंडलायुक्त शिमला की अदालत ने फैसला सुनाया है। इन गांव में 1,000 से ज्यादा प्रभावित आ रहे हैं। प्रभावितों को अब उपमंडलाधिकारी शिमला ग्रामीण की ओर से तय की दरों के अनुसार ही मुआवजा दिया जाएगा। वर्ष 2015-16 में भूमि मालिकों ने मुआवजा बढ़ाने को लेकर मंडलायुक्त के पास याचिका दायर की थी। आठ साल तक मामले में सुनवाई चली। इसके बाद मंडलायुक्त ने माना कि उपमंडलाधिकारी शिमला ग्रामीण की ओर से तय मुआवजा ही सही है और उसे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
फ्लैट रेट किया था तयएनएचएआई के अधिवक्ता एमपी कंवर के अनुसार कैथलीघाट से ढली फोरलेन के बीच छह बड़े गांव आ रहे हैं। इनमें पुजारली, गुसेन, मझार, भाड, भोग और मोहरी शामिल हैं। इनमें 1,000 से ज्यादा प्रभावित हैं। प्रभावितों के लिए उपमंडलाधिकारी शिमला ग्रामीण ने फ्लैट रेट तय किया था। इनमें उपजाऊ और बंजर जमीन का एक समान मुआवजा बनाया गया था, जिससे भूमि मालिक खुश नहीं थे। इसके बाद उन्होंने मुआवजा बढ़ाने के लिए याचिका दायर कर दी। अभी भी करीब 100 करोड़ के करीब मुआवजा दिया जाना बाकी है। हालांकि मकानों के लिए अलग से मुआवजा तय किया गया था। जिसकी सुनवाई अभी चल रही है।
27 किलोमीटर बनेगा तीसरे चरण में फोरलेन
- परवाणू से शिमला फोरलेन के तीसरे चरण में कैथलीघाट से ढली के बीच सड़क बनेगी
- इसकी लंबाई करीब 27 किमी होगी
- लगभग 3,755 करोड़ रुपये की अनुमानित पूंजी लागत प्रस्तावित है
- इसे दो चरणों में बनाया जाना है
चरण : एक
20 पुल, दो टनल, एक अंडरपास, 53 कलवर्ट, एक प्रमुख जंक्शन, दो अल्प जंक्शन और एक टोल प्लाजा बनाया जाना प्रस्तावित है
चरण : दो
सात पुल, तीन टनल, 29 कलवर्ट, तीन प्रमुख जंक्शन और एक अल्प जंक्शन बनाया जाएगा।
कैथलीघाट-ढली फोरलेन के बीच पढ़ने वाले आधा दर्जन गांव के प्रभावितों की मुआवजा बढ़ाने की याचिका को खारिज कर दिया गया है। उपमंडलाधिकारी शिमला ग्रामीण ने जो मुआवजे तय किए थे, उसी के अनुसार उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।-संदीप कदम, मंडलायुक्त, शिमला
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