शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षकों को विदेश भेजेगी हिमाचल सरकार, 31 दिसंबर तक शैक्षिक व्यवस्था में होंगे कई बदलाव

राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का तौर तरीका बदलेगा। सरकारी स्कूलों में कार्यरत ऐसे शिक्षक जिन्होंने बीते सालों में बेहतर परीक्षा परिणाम दिया है उन्हें एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश भेजा जाएगा। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे तीन देशों में शिक्षकों को भेजने की तैयारी है। समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) इसका प्रस्ताव तैयार करेगा। शिक्षकों का चयन उच्च शिक्षा व प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय करेगा। समग्र शिक्षा अभियान के तहत ही इसके लिए बजट जारी किया जाएगा। यह पहला मौका है जब सरकार शिक्षकों को पढ़ाने की तकनीक सिखाने के लिए विदेश भेजने जा रही है।

गुरुवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओकओवर में विद्या शिक्षा केंद्र के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की थी। बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र से नए बदलाव के साथ सरकार आ रही है। 31 दिसंबर के बाद पठन व पाठन में कई तरह के बदलाव किए जाएंगे।

राजनीति करने वाले शिक्षकों को सीएम की दो टूक
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन की जरूरत है। सरकार ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया है। पूर्व सरकार ने चुनावों की राजनीति के लिए स्कूल खोले। न इनमें शिक्षक रखा न ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखा। सरकार ने चुनावी की राजनीति करने के लिए खोले स्कूलों को बंद किया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि शिक्षा में कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं।

उन्होंने राजनीति करने वाले शिक्षकों को दो टूक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कई शिक्षक ऐसे हैं जो पढ़ाने को कम समय देते हैं और राजनीति ज्यादा करते हैं। उन्होंने कहा कि वे राजनीति करे लेकिन अपना मूल काम न छोड़ें। बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाए ताकि जब वह सफल हो तो कह सके कि मैं इस स्कूल से पढ़कर निकला हूं। सरकार हर शिक्षक के काम का मूल्यांकन कर रही है। यह मूल्यांकन भी ऑनलाइन होगा।
चुनाव में दी तीसरी गारंटी की पूरी
राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अब अंग्रेजी में बोलना-लिखना सीखेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई शुरू करने का नीतिगत फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में गारंटी दी थी कि प्रदेश के हर विधान सभा क्षेत्र में चार अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जाएंगे, लेकिन सरकार ने फैंसला लिया कि अब सभी स्कूलों में अंग्रेजी मीडियम पढ़ाया जाए। अभी तक चुनिंदा स्कूलों में ही अंग्रेजी मीडियम में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।

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