ठियोग—ठियोग के विधायक राकेश सिंघा तथा किसान संघर्ष समिति ने किसानों के केसीसी खातों से इश्योरेंस के नाम पर काटी जा रही बीमा राशी को लेकर किसानों को लाभ देने के बजाए सरकार पर निजी कंपनियों को फायदा देने के आरोप लगाए हैं। इन्होंने कहा है कि हर साल केसीसी के खातों से बीमा राशी काटी जा रही है लेकिन इसके बदले में किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान के मुवावजे के तौर पर कुछ नहीं दिया जा रहा है। इन्होंने कहा है कि हर साल करोड़ों रूपए कंपनी को बीमा राशि के तौर पर जा रहे हैं लेकिन बदले में किसानों को कुछ नहीं मिल रहा। जबकि इसके अलावा सेब के आढ़तियों द्वारा बागबानों के साथ हर साल की जा रही लूट-कसूट को लेकर भी किसान संघर्ष समिति ने ऐसे व्यापारियों पर कड़ी कारवाई करने की मांग सरकार से की है। ठियोग में मंगलवार को इन सब मुददों को लेकर विधायक राकेश सिंघा तथा किसान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम ठियोग के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है। जबकि 24 जून को ठियोग तथा सभी उपमंडल स्तर पर धरने प्रर्दशन भी किए जाएंगे। बैठक में ठियोग की विभिन्न पंचायतों से आए किसानों ने बैठक में भाग लिया। ठियोग में मंगलवार को आयोजित एक बैठक के दौरान ठियोग के विधायक राकेश सिंघा तथा किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष संजय चौहान ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल में वर्ष 2009 में कैशक्राप जिसमें सेब व आम को शामिल किया गया था। इन फसलों को प्राकृतिक आपदा जिसमें तूफान तेज व कम बारिश का होना तथा सूखे की स्थिति में खराब होने वाली फसल का मुवावजा देने का प्रावधान है। विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा सत्र के दौरान भी उन्होंने उठाया था। उन्होंने कहा कि इस समय पूरे प्रदेश में एक लाख 61 हजार किसानों ने फसल बीमा करवाया हुआ है। जिसमें से शिमला जिला में अकेले 85 हजार किसान शामिल है और इनसे 14 करोड़ की बीमा राशि कंपनी ने इक्कठी की है। लेकिन उसके बदले सिर्फ पांच करोड़ का मुआवजा किसानों को वापस मिला है जोकि सरकार तथा कंपनी की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में लाता है। उन्होंने कहा कि एपीएमसी की देखरेख में आढ़ती अपना कारोबार करता है और लाईसैंस बनाने से लेकर बागबानों को पैंमेट दिलाने में एपीएमसी को रोल अधिक रहता है लेकिन पिछले जिस तरह से पिछले कुछ सालों से बागबानों को लुटा जा रहा है उससे लग रहा है कि एपीएमसी को आढ़तियों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया और इन्हें कानून तक कोई डर नजर आ रहा। संजय चौहान ने कहा कि एपीएमसी के पास 101 किसानों ने शिकायतें दर्ज करवा रखी है जिसमें से अभी तक मात्र 10 केस को हल किया गया है और दो करोड़ 15 लाख से अधिक राशी आढ़तियों ने बागबानों ने दबा कर रखी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि एपीएमसी व पुलिस का रवेया ठीक न होने से बागबान परेशान है। इसके अलावा उन्होंने इस सेब सीजन में आढ़तियों ने व्यापार के हिसाब से सिक्योरिटी लेने की भी मांग रखी है।
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Courtsey: Divya Himachal
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