पहाड़ी बोलना हर हिमाचली का फर्ज

नाहन – हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा नाहन में दो दिवसीय राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह   का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक राकेश कोरला ने किया। इस अवसर पर प्रदेश भर से पहाड़ी भाषा व बोली के विद्वानों के अलावा साहित्यकारों व कवियों ने शिरकत की। समारोह में पहले दिन पहाड़ी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक राकेश कोरला ने साहित्यकारों का समारोह में स्वागत किया तथा प्रदेश की बोली के संरक्षण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिमाचली का कर्त्तव्य है कि वह अपने घर, समाज व क्षेत्र में स्थानीय बोलियों का इस्तेमाल करें। इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के सहायक निदेशक गोपाल दिलेक ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा प्रदेश भर से आए साहित्यकारों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया। दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन प्रदेश के विभिन्न जिला से आए पहाड़ी कवियों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की, जबकि दूसरे दिन राज्य स्तरीय संवाद गोष्ठी व आलेख प्रस्तुति की गई। डा. देशराज द्वारा पहाड़ी बोलियों में समरूप शब्दावली और व्याकरण की चुनौतियों पर आलेख प्रस्तुत किया। इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व वरिष्ठ साहित्यकार सीआरबी ललित, बिलासपुर से संदेश शर्मा, सोलन से यशपाल कपूर, बिलासपुर से रामलाल, पांवटा से रविता चौहान, नादौन से मुनीष तन्हा, सिरमौर से अर्चना शर्मा, अजीत दीवान, मंडी से डा. राकेश कपूर, सोलन से हेमंत अत्री, हेतराम पहाडि़या, धर्मशाला से प्रभात शर्मा, कांगड़ा से रमेश चंद्र मस्ताना आदि ने अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी। इसके अलावा अन्नंत आलोक, डा. ईश्वर राही, मित्र भूमपल्लवी, नारायण सिंह वर्मा, बलिंद्र धनारी ने प्रस्तुतियां दी।

साहित्यकारों ने प्रस्तुत किए आलेख

डा. हिमेंद्र बाली व हिमाचली अकादमी पुरस्कार से सम्मानित रूप शर्मा ने पहाड़ी बोलियों में एक रूपता की व्याख्या और संविधान की आठवीं अनुसूची में हिमाचली भाषा को सम्मिलत करने पर अपने विस्तृत आलेख प्रस्तुत किए।  प्रदेश भर से आए साहित्यकारों ने हिमाचल निर्माण व हिमाचली बोली के लिए हिमाचल निर्माता डा. वाईएस परमार के योगदान की भी खूब सराहना की। साथ ही हिमाचल के वरिष्ठ साहित्यकारों के योगदान को आजादी से पूर्व व आजादी के बाद किए गए प्रयासों को भी चर्चा में रखा।

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Courtsey: Divya Himachal
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