नूरपुर में बोलीं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसूइया उइके
नूरपुर, जसूर —केंद्र सरकार द्वारा पारित वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत यदि किसी जनजाति के लोग अरसे से वन क्षेत्र में रहते हैं, तो उन्हें वहां रहने व खेती आदि के लिए पट्टे दिए जाते हैं, परंतु हिमाचल में अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं है। यह बात राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसूइया उइके ने कही। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जानकारी प्रदेश सरकार से लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे ग्रामसभा के माध्यम से पट्टे के लिए आवेदन भेजना सुनिश्चित करें। अनुसूइया उइके अनुसूचित जनजाति समुदाय की समस्याओं को लेकर नूरपूर तथा जवाली उपमंडल के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में शिकरत करने यहां पहुंची थीं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नूरपुर हलके के विधायक राकेश पठानिया ने की। इस मौके पर अनुसूइया उइके ने अनुसूचित जनजाति के लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि गत वर्ष धर्मशाला में अनुसूचित जनजाति के लोगों पर हुए लाठीचार्ज मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई होगी। इस दौरान प्रदेश गद्दी यूनियन के वरिष्ठ नेता मदन भरमौरी, ललित, मालविका पठानिया, डा. सुरिंद्र ठाकुर, अरुण शर्मा, साहिल अरोड़ा, व गणेश ठाकुर आदि भी मौजूद रहे।
लोगों को नहीं सताएगा बिजली-पानी
विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि नूरपुर क्षेत्र के जनजातीय वर्ग के लोगों को सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। इसके साथ ही प्रयास किया जाएगा कि क्षेत्र में किसी भी गद्दी समुदाय का घर पक्के रास्ते के बिना न रहे। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को 21 हजार रुपए देने की घोषणा की।
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Courtsey: Divya Himachal
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