ठियोग में लोगों ने चुना तीसरा विकल्प

 ठियोग  — ठियोग विधानसभा क्षेत्र से वामपंथी नेता राकेश सिंघा को मिली जीत से कई अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। ठियोग के लोगों ने जिस तरह से तीसरे विकल्प को ठियोग में चुना है उससे एक बात तो तय है कि इस बार ठियोग में न तो कोई विकास का नारा चला और न ही प्रदेश की सत्ता परिवर्तन की लहर ठियोग में काम आई। पिछले काफी समय से जिस तरह से कामरेड राकेश सिंघा ने ठियोग कई मुद्दों को लेकर लोगों को जोड़कर आंदोलन लडे़, उसका फायदा उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव में हुआ। उसमें चाहे बिटिया को न्याय दिलाने का आंदोलन हो या फिर ठियोग में रसोई गैस, ग्रामीण सड़कों की बदत्तर हालत, बिजली पानी, किसानों की बेदखली को लेकर लडे़ गए आंदोलनों में लोग जुड़ते चले गए और यही कारण रहा कि इस बार पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर होते हुए भी लोगों ने तीसरे विकल्प को चुना। ठियोग से भाजपा के प्रत्याशी राकेश वर्मा का इस बार राजनीतिक करियर भी दांव पर लगा हुआ था क्योंकि पिछली बार भी वह विद्या स्टोक्स से चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार भी उन्हे दोबारा से जिस तरह से हार का सामना करना पड़ा है उससे अब राकेश वर्मा की भविष्य की राजनीति पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।  ठियोग में कांग्रेस प्रत्याशी दीपक राठौर की जमानत जब्त होना भी कांग्रेस के लिए कोई अच्छे संकेत नहीं हैं। 2012 में ठियोग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर विद्या स्टोक्स ने चुनाव लड़ा था और उस समय उन्हें 21 हजार वोट मिला था, लेकिन इस बार कांग्रेस का वोट नौ हजार पर सिमट कर रह गया और कांग्रेस ने अपनी जमानत जब्त करवा दी। हालांकि ठियोग में चुनाव में चर्चा यह रही कि कांग्रेस प्रत्याशी को वोटरों ने हल्के में लिया और कांग्रेस का अधिकतर वोट राकेश सिंघा के लिए शिफ्ट हुआ। इसमें कुछ हद तक कांग्रेस पार्टी के बडे़ नेताओं का भी रोल रहा और खुद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ठियोग में हुई रैली में ठियोग की सीट की जीत की गारंटी लेने से इंकार कर दिया था। इस चुनाव में ठियोग में भाजपा नेताओं के जीत के दावों की भी हवा निकल गई और जो आंकड़ा चुनाव परिणाम से पहले भाजपा के नेता पेश कर रहे थे उसके मुताबिक भाजपा के प्रत्याशी को वोट नहीं मिल पाया औैर 4600 वोटों की जो लीड राकेश सिंघा को अपने गृह क्षेत्र कोटगढ़ कुमारसैन क्षेत्र से मिली वो लीड ठियोग की 36 पंचायतों में पूरी नहीं हो पाई और भाजपा प्रत्याशी राकेश वर्मा 2000 के करीब वोटों से हार गए। ठियोग की 36 पंचायतों में परिणाम से पहले भाजपा के नेता 18 हजार के करीब अपना वोट मान रहे थे लेकिन यहां से उन्हें मात्र 15 हजार वोट ही मिल पाया। राकेश सिंघा को ठियोग से 13 हजार वोट मिला जिससे वे चुनाव जीत गए।

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^पूरी खबर पढ़े: source - DivyaHimachal

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