शहरकेब्वाॅयज और गर्ल्ज सीनियर सेकंडरी स्कूलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था पर अब सवाल उठने लगे हैं। यहां स्टूडेंट्स घट रहे हैं, रिजल्ट का स्तर भी पहले के मुकाबले गिरने लगा है, हालत यहां तक पहुंच गई है की ब्वॉयज में 100 और गर्ल्स में 50 के करीब स्टूडेंट इस बार कम हो गए हैं। साइंस की पढ़ाई यहां अब ख्वाब बनने लगी है। क्योंकि जमा एक के मेडिकल में एक ही स्टूडेंट दाखिल हो पाया है। 10वीं के नतीजे भी गुदगुदाने वाले नहीं है। हालत यही रहे तो आने वाले समय में ब्वॉयज स्कूल नाम का ही रह जाएगा। क्योंकि व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश इसी स्कूल में है। लगता है शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इन स्कूलों से मुंह फेर लिया है, तभी तो यहां अच्छी-खासी टीचरों की जमात के आगे स्टूडेंट्स लगातार घटने लगे हैं। सवाल तो टीचरों के पढ़ने-पढ़ाने पर भी उठने लगा है। जहां इनकी तादाद तीन दर्जन के करीब हैं। दीगर बात यह है कि सुविधाओं से ये दोनों स्कूल लैस होने का दावा करते हैं। ब्वाॅयज की इमारत तो सूबे के चुनिंदा स्कूलों में शुमार है। सूचना तो यह भी मिल रही है कि मैथ और साइंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों...
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ब्वॉयज गर्ल्ज सीसे स्कूलों में पढ़ा रहे अनट्रेंड टीचर, 150 स्टूडेंट्स घटे
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