अलग पहचान हो किन्नौर के शहद की: वीसी

डॉ.यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी नौणी में कीट विज्ञान विभाग की ओर से मधुमक्खी पालन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। प्रशिक्षण शिविर का आयोजन अखिल भारतीय मधुमक्खी एवं परागण कर्ता शोध समन्वयक परियोजना के तत्वावधान में किया जा रहा है। ट्राइबल एरिया सब प्लान के तहत शिविर का आयोजन जनजातीय क्षेत्रों के लिए किया है। शिविर का उद्घाटन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. हरीचंद शर्मा ने किया। उन्होंने प्रशिक्षुओं को मधुमक्खी पालन अपनाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन फसलों में परागण में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि किन्नौर में पैदा किए जाने वाले शहद को बाजार में अलग पहचान से बेचने का आह्वान किया। अखिल भारतीय मधुमक्खी एवं परागण कर्ता शोध समन्वयक परियोजना के परियोजना समन्वयक डाॅ. राजकुमार ठाकुर ने बताया कि मधुमक्खी पालन को राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके लिए हमें अभी से मधुमक्खी पालकों को तैयार करना है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन किसानों की आवश्यकता बनती जा रही है। किसानों को...
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source: Bhaskar

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