पहाड़ी गांधी के साहित्य का संकलन व प्रकाशन


शिमला — प्रदेश संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा गुरुवार को शिमला बचत भवन में पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम की 131वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में जिलाधीश दिनेश मल्होत्रा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस मौके पर पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम के तीन पौत्र भी उपस्थित हुए। इस अवसर पर जिलाधीश दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि पहाड़ी गांधी ने अपनी लोक भाषा में अपने विचारों की अभिव्यक्ति कर लोगों को स्वंतत्रता के प्रति जागृत किया। उन्होंने बताया कि यह जयंतियां, दिवस मात्र औपचारिक नहीं होने चाहिएं। आने वाली पीढि़यों के ऐतिहासिक लोगों के व्यक्तित्व कृतित्व से और घटनाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए। भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डा. देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ युगबोधि साहित्यकार भी थे। उन्हें वर्ष 1937 में पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा ‘पहाड़ी गांधी’ के नाम से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1984 में उनके नाम से डाक टिकट भी जारी किया गया था। निदेशक ने बताया कि उनका लिखित साहित्य उनके पौत्रों के पास है, उसे अकादमी द्वारा पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। इस दौरान साहित्यिक संगोष्ठी में दो पत्रों का वाचन हुआ। पहला पत्र क्रांतिकारी कवि पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम विषय पर सुदर्शन वशिष्ठ ने प्रस्तुत किया, जबकि पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम के कृतित्व में लोकधर्मी चिंतन विषय पर प्रो. नरेंद्र अरुण ने अपना पत्र पढ़ा। इस मौके पर चर्चा परिचर्चा में डा. सुशील कुमार फुल्ल, डा. ओम प्रकाश सारस्वत, योगेश्वर शर्मा, रतन चंद निर्झर, विद्यानंद सरैक व गंगा राम राजी सहित साहित्यकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में टीआर शर्मा की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें डा. ओम , चिरानंद, हरिकृष्ण, रमेश, मदन, कृष्ण चंद, भूप, कुलदीप , ओम, सहित 15 कवियों ने कविता पाठ किया।







source: DivyaHimachal

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