लगडू में खुले आसमान तले पढ़ाई


धीरा —प्रदेश सरकार एवं प्रशासन व शिक्षा विभाग के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण एवं बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने वाले दावे चंगर क्षेत्र की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लगडू में खौखले साबित होते नजर आ रहे हैं, जहां पर शिक्षारत लगभग 600 बच्चे भवन की कमी से जूझते हुए खुले आसमान के तले शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं, वहीं वर्ष 2013 के बरसाती मौसम में हो रही भारी बरसात से विद्यालय परिसर के पांच कच्चे कमरों में से दो कमरे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जानकारी के अनुसार इस विद्यालय में कुल छह पक्के कमरे और पांच कच्चे कमरे हैं। मात्र 11 कमरों में ही विद्यालय का प्रशासनिक एवं शैक्षणिक कार्य संचालित किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा पांच कच्चे कमरों को पहले ही असुरक्षित घोषित किया गया है, परंतु फिर भी विद्यालय प्रशासन द्वारा इन कमरों का उपयोग न चाहते हुए भी किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा असुरक्षित घोषित किए इन कमरों में बच्चे जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं, वहीं अभिभावक भी अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं। चंगर क्षेत्र के बच्चे एवं अभिभावक विद्यालय के इन पांच कच्चे कमरों को गिराए जाने संबंधी आदेशों की बाट जोह रहे हैं। वर्ष 2002 में जमा दो का दर्जा प्राप्त कर चुके लगडू विद्यालय के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक शिक्षा के लिए प्रयोगशाला का अभाव भी झेलना पड़ता है, जिसका जुगाड़ विद्यालय प्रशासन द्वारा जोड़-तोड़ कर ही किया जा रहा है। चंगर क्षेत्र के लोगों ने शासन व प्रशासन से शीघ्र ही इन असुरक्षित कमरों को गिराने की मांग भी की है। विद्यालय प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने पांच कच्चे कमरों को प्रशासन द्वारा असुरक्षित घोषित किए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि विद्यालय में नए भवन की मांग ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन के समक्ष रखी गई है। उधर, विधायक संजय रतन का कहना है कि विद्यालय में नया भवन निर्मित करवाने के प्रयास जारी हैं, जिसके लिए प्रोजेक्ट तैयार करवाकर धनराशि स्वीकृत करवाई







source: DivyaHimachal

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