चंबा — शनिवार रात आए भूकंप के झटके से कांगड़ा जिला के साथ-साथ चंबा का जनजातीय क्षेत्र भरमौर भी थर्रा उठा। जिला के होली और भरमौर में शनिवार रात भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया है, जबकि अन्य हिस्से में लोगों को इसका एहसास तक नहीं हुआ है। अलबत्ता रात 11ः19 पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.5 दर्ज की गई है। बहरहाल भूकंप का यह झटका 18 किलोमीटर के दायरे में महसूस किया गया है और यह प्राइमरी स्केल पर था। जिला चंबा के किसी भी हिस्से से भूकंप से नुकसान होने की कोई सूचना नहीं है। धर्मशाला के नड्डी स्थित भूकंप मापक प्रयोगशाला के प्रभारी आरएस नेगी ने खबर की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार शनिवार रात आए भूकंप के झटके से चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर और होली में दहशत का माहौल है। हालांकि भू-गर्भ विज्ञानी इस झटके को प्राइमरी स्केल पर बता रहे हैं। बावजूद इसके रात को भूकंप के आने का एहसास होते ही होली घाटी में लोग घरों से बाहर निकल आए। जिला के अन्य किसी भी हिस्से में भूकंप का लोगों को एहसास तक नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी जिला चंबा में दो मर्तबा भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। लिहाजा पिछले पांच-छह माह से लगातार हो रहे भूकंप के झटकों को बेशक भू-गर्भ विज्ञानी नुकसानदायक न बता रहे हों, लेकिन जिला की जनता में दहशत का माहौल है और वह इसे किसी बड़ी अनहोनी का संकेत बता रही है। उधर, धर्मशाला के नड्डी स्थित भूकंप मापक प्रयोगशाला के प्रभारी आरएस नेगी ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि 11ः19 पर भूकंप आया था और इसकी तीव्रता रिक्टर पर 4.5 दर्ज की गई है। उनका कहना है कि होली घाटी धौलाधार रेंज से सटी होने के चलते यहां पर भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया है। पालमपुर और कांगड़ा के बीच इसका केंद्र बिंदु रहा है। जमीन के नीचे चट्टानों के टूटने या खिसकने की वजह से झटका महसूस किया गया है और यह प्राइमरी स्केल पर था। भूकंप से क्षेत्र में नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
source: DivyaHimachal
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