साल-दर-साल बढ़ने लगा मौत का आंकड़ा


रामपुर बुशहर — क्षेत्र की सबसे कठिन यात्रा मानी जाने वाली श्रीखंड यात्रा में एक और श्रद्धालु ने प्राण त्याग दिए। 15 जुलाई से शुरू हुई इस यात्रा में अभी तक दो श्रद्धालु की मौत हो चुकी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस यात्रा के लिए अब सख्त नियम बनाना जरूरी तो नहीं हो गया है। बताते चलें कि श्रीखंड कैलाश यात्रा जिला शिमला के रामपुर व जिला कुल्लू के जाओं से शुरू होती है। रामपुर में इस यात्रा पर जाने के दो रास्ते हैं, जबकि जाओं से एकमात्र रास्ता श्रीखंड यात्रा के लिए जाता है। ऐसे में यह आंकड़ा कि इस यात्रा में कुल कितने श्रद्धालु हर वर्ष जाते है, इसका सही-सही आंकड़ा न तो प्रशासन के पास है और न ही इस यात्रा के आयोजन करने वाली समितियों के पास है। श्रीखंड यात्रा के लिए समितियां बनी हैं, जो निश्चित समय में ही यात्रा को करने की बात करती है। बावजूद इसके कई श्रद्धालु अपना जत्था बनाकर इस जोखिम भरी यात्रा पर निकल जाते हैं, कहीं पर भी ऐसा नहीं है कि इस यात्रा पर किसीश्रद्धालु को जाने से रोका जा सके। ऐसे में 15 जुलाई से 15 अगस्त तक यह यात्रा निरंतर जारी रहती है, जबकि समितियां एक से तीन जत्थे भेजकर यात्रा को समाप्त कर देती हैं। शनिवार को जिस व्यक्ति की मौत हुई उसका शव लाया जा रहा है, जिस जगह पर निरंजन की मौत हुई, वह सड़क सुविधा से 35 किलोमीटर दूर है, जहां पर पैदल ही पहुंचा जा सकता है। इस यात्रा का रास्ता भी ऐसा है, जहां पर एक व्यक्ति भी सही ढंग से नहीं चल सकता। ऐसे में वहां से शव लाना काफी मशक्कत भरा काम है।







source: DivyaHimachal

Full Story at: http://www.divyahimachal.com/himachal/shimla-news/%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%a6%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ac%e0%a4%a2%e0%a4%bc%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%8c%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a4%be/

Post a Comment

Latest
Total Pageviews