सद्मार्ग पर चलना सिखाते हैं गुरु


ऊना — जिला मुख्यालय के राधा-कृष्ण मंदिर कोटलाकलां में चल रहे सात दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव में सारा वातावरण हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं के हरे कृष्णा के जयकारों से कृष्णमय हो गया। राष्ट्रीय संत बाबा बालजी के आशीर्वाद को सैकड़ों श्रद्धालु घंटों तक कतारबद्ध खड़े रहे। अपने प्रवचनों में बाबा बालजी महाराज ने कहा कि जीवन में गुरु के बिना गति नहीं मिल सकती है। उन्होंने कहा कि हर काम के लिए गुरु का होना अति आवश्यक है। बिना गुरु के कोई भी काम पूर्ण रूप से सीखा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि गुरु अपने अनुभव से शिष्यों को सद्मार्ग पर चलना सिखाता है। वहीं विश्व के मंगल की कामना करता है। बाबा बालजी ने कहा कि गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा से मंजिल को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे एकलव्य ने गुरु की प्रतिमा बनाकर तीरंदाजी में निपुणता हासिल कर ली थी और गुरु के कहने पर अपना अंगूठा काटकर गुरु के अर्पण कर दिया था, ठीक उसी प्रकार शिष्य को समर्पण की भावना रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं है। यदि मन साफ है, तो हर स्थान पर रहकर व्यक्ति भगवान का सिमरन कर सकता है। उन्होंने कहा कि अपने भक्त के कार्यों को करने के लिए स्वयं भगवान आते हैं। उन्होंने कहा कि सेन नाई, धन्ना भक्त, मनसुख, रसखान और मीरां के लिए भगवान स्वयं हाजिर हुए थे। बाबा बालजी ने कहा कि भगवान पर आस्था रखकर जो मनुष्य ईमानदारी व मेहनत से कार्य करता है, उसे भक्ति का फल अवश्य प्राप्त होता है। इस अवसर पर चाचा जीत राम, दिलदार, सुभाष, माधवानंद, लब्भा राम, लाजपतराय, मोहनलाल सैणी, दर्शन सैणी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।







source: DivyaHimachal

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