खून की प्यासी बनीं सिरमौर की सड़कें


नौहराधार — जिला सिरमौर में बढ़ती दुर्घटनाओं की वजह से क्षेत्र की खस्ताहालत सड़कें हैं। अभी विगत सात जून को भराड़ी हादसे में जिला सिरमौर का पूरा प्रशासन तथा प्रदेश के आला नेता पीडि़त परिवारों के घर ढाढस बंधाने जा रहे हैं। यदि सरकार व प्रशासन पहले ही सड़कों की हालत को देखते तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। आज ये नौबत न आती। हैरानी की बात है कि तीन वर्ष पूर्व घंडूरी के पास बस दुर्घटना हुई थी, जिसमें 19 लोग मारे गए थे। विभाग व सरकार ने उस हादसे में कोई सबक नहीं लिया। अब दोबारा जिला का सबसे बड़ा हादसा सबके सामने है। इस हादसे को भी सरकार व विभाग कुछ समय बाद भूल जाएंगे। जिला सिरमौर के जहां मुख्य मार्ग खस्ताहाल हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्र के संपर्क मार्ग बिलकुल कच्ची अवस्था में हैं। जिला में प्रतिवर्ष सैकड़ों छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं, परंतु विभाग व सरकार उन्हें नजरअंदाज कर देती है। ताजा घटनाओं पर जरूर आश्वासन मिल जाता है, फिर कुछ समय बाद उसे भूल जाते हैं। हैरानी की बात है कि सोलन-मिनस मार्ग में कहीं भी साइन बोर्ड नहीं है। खैर ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों में तो साइन बोर्ड तो क्या सड़कों में पैरापिट भी नहीं है। जब तक क्षेत्र की सड़कों में पैरापिट व साइन बोर्ड नहीं लगते तथा कच्ची सड़कों को पक्का नहीं किया जाएगा, तब तक जिला के लोग यूं ही बेमौत मरते रहेंगे। गौर हो कि नौहराधार-पुन्नरधार सड़क अब बरसात में बहुत ज्यादा खराब हो जाएगी तथा इस पर अब गाडि़यां चलाना दोबारा दुर्घटनाआें को संकेत देना है।







source: DivyaHimachal

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