राकेश शर्मा, चंबा
सत्ता का साथ होने के बावजूद सियासी संकट झेल रही चंबा कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का दौरा भले ही संजीवनी की तरह हो। मगर चंबा में संजीवनी को चखने वालों की तादाद कितनी होगी इस पर संशय बरकरार है।
दरअसल, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद चंबा से भी ओहदों की दौड़ में शामिल नेताओं की संख्या कम नहीं थी और जब स्थिति साफ हुई तो वे होड़ में काफी लोग पिछड़ गए और अब यह सभी मुख्यमंत्री से नजदीक आने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस
source: Jagran
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