प्रतिनिधि, चिंतपूर्णी : चिंतपूर्णी के ग्रीन वैली रिसोर्ट में श्रीराम कथा में प्रवचन करते हुए आचार्य हरिकृष्ण ने कहा कि परमात्मा को पाने के दो ही तरीके हैं। प्रार्थना और प्रेम। अगर प्रार्थना में भी प्रेम झलकता है तो निश्चित ही जीव व परमात्मा एक हो जाते हैं। प्रेम से रहित संसार झूठा है। प्रेम में प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है। प्रेम स्वत: प्रमाण होता है। मनुष्य जितना प्रेमपूर्ण होगा, उतना ही परमात्मा के नजदीक होगा।
भगवान कभी किसी पर अप्रसन्न नहीं होते। अगर कोई सोचता है कि भगवान नाराज
source: Jagran
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