ऊना — जिला में जंगलों की आग ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अभी तक जिला के अंब, भरवाईं, रामगढ़ व ऊना वन रेंज पर आग का कहर बरपा है। आग से अब तक ऊना में नौ मामले दर्ज किए गए हैं। इन आग की घटनाओं में 43.5 हेक्टेयर वन भूमि पर अमूल्य वन संपदा की तबाही हुई है, जिससे वन विभाग का लाखों की संपदा का नुकसान हुआ है। हर वर्ष तप्ती गर्मी में सरकारी वन क्षेत्र में आग की घटनाएं बढ़ती रही हैं। इन आग की घटनाओं में आमूल्य वन संपदा, औषधीय पौधे राख हुए हैं, वहीं जीव-जंतुओं की भी कई प्रजातियां आग की चपेट में आने से लुप्त होने की कागार में पहुंच गई हैं। हालांकि वन विभाग ने बहूमुल्य वनसंपत्ति को आग से राख होने से बचाने के लिए पुख्ता प्रबंध कर लिए हैं, लेकिन हर वर्ष आग के कहर से जंगलों में करोड़ों की वनसंपदा राख हो रही हैं, वहीं जीव-जंतुओं की प्रजातियां भी आग की घटनाओं से लुप्त होने के कगार में पहुंच गई हैं। वन विभाग के आग की घटनाओं पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 2009 में वन विभाग का आग से छह लाख चार हजार एक सौ रुपए की वन संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ा है। वर्ष 2010 में जिला ऊना के सरकारी वन रकवे में 37 आग की घटनाएं घटित हुई हैं। इन घटनाओं में 577.19 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़े हैं। आग से दो लाख 30 हजार एक सौ की सपंत्ति का नुकसान वन विभाग के दस्तावेजों में दर्ज किया गया है। जंगल में धूं-धूं करती लपटों में वर्ष 2011 में चार अग्निकांड हुए हैं, जिसमें 29 हेक्टेयर भूमि में आग ने बहुमूल्य वन संपदा को नुकसान पहुंचाया है। इन घटनाओं में वन विभाग को 52 हजार का नुकसान हुआ है। वन विभाग ऊना के वन मंडलाधिकारी आरके कौशल ने बताया कि मौजूदा समय में वनों की आग के अब तक नौ मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि रामगढ़ वन रेंज में सरकारी जंगलों में आग लगाने वालों के विरुद्ध पुलिस में केस भी दर्ज करवाया गया है। उन्होंने कहा कि आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। फायर वाचरों की नियुक्तियां की गई हैं, वहीं जिला की पांच वन रेंजोेें में रेंजरों के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया है।
source: DivyaHimachal
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