पंचरुखी — ऐतिहासिक सल्याणा छिंज मेला संपन्न हो गया। इस वर्ष मेले में लगभग 400 छोटी-बड़ी दुकानें सजी थीं तो साथ ही छह से सात छोटे-बड़े झूलों ने लोगों को झुलाया, जिन्होंने मेला कमेटी को लाखों की आमदनी भी करवा डाली। हालांकि मेला कमेटी की आमदनी का साधन मात्र मेले में सजी दुकानें से ही होती है। अन्य किसी ओर प्रकार से मेले की आमदनी का साधन नहीं है। इस वर्ष मेला कमेटी ने जहां झूले वालों को छह रुपए वर्ग फुट के हिसाब से जगह आबंटित की तो वहीं 8×10 वर्ग फुट के 300 रुपए, 10×12 वर्ग फुट 400 रुपए तथा 12×14 फुट के 500 रुपए प्रति दुकान से पूरे मेले के दौरान वसूले। अगर हम अंदाजन मेला कमेटी की आय का हिसाब लगाएं तो मेला में दुकानों के माध्यम से लगभग डेढ़ से दो लाख की आमदनी की, जबकि झूलों से 72000 रुपए की आमदनी मेला कमेटी को हुई, जबकि अन्य स्थानों पर लगे झूलों से मेला कमेटी को छोटे झूले से 2000 रुपए की आमदनी हुई। अतः इस वर्ष मेला कमेटी का अंदाजन अढ़ाई से तीन लाख आमदनी होने का अनुमान है। अगर हम मेले के व्यय की बात करें तो जहां मेला कमेटी ने वालीबाल, कबड्डी व अन्य खेल प्रतियोगिताओं के लिए 44200 रुपए तथा छिंज के लिए 13200 रुपए और मेले में हुए तीन दिनों में 70 कुश्ती मुकाबलों में 70000 रुपए बतौर इनाम वितरित किए। इसके अलावा आठ हजार रुपए मेला कमेटी ने सांस्कृतिक संध्याओं व कृषि, बागबानी आदि प्रदर्शनियां में इनाम के रूप में वितरित किए। अतः मेला कमेटी ने मेले में इनामों, खाना व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने में डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च किए हैं। यही नहीं, इस वर्ष मेला कमेटी ने सरकार को बतौर टैक्स 50 हजार रुपए जमा भी करवाए हैं। इस विषय में पंचायत प्रधान एवं मेला कमेटी प्रधान संजीव कुमार का कहना था कि मेला कमेटी ने बतौर टैक्स 50 हजार जमा करवा दिए हैं तो आय-व्यय का पूरा हिसाब-किताब किया जा रहा है, जो एक-दो दिन में स्पष्ट हो जाएगा।
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