ऊना —कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा आस्ट्रेलिया से सीरीज जीतने के बाद धोनी की तूती बोल रही है और इसे भुनाने के लिए धोनी को भगवान के रूप में दिखाने से भी परहेज नहीं किया जा रहा है। इसी कड़ी में देश की एक प्रसिद्ध पत्रिका ने अपने 10 अप्रैल के अंक में एमएस धोनी को आवरण पृष्ठ पर भगवान कृष्ण के रूप में दिखाते हुए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है। पत्रिका के आवरण पृष्ठ पर भगवान के रूप में धोनी के चित्र को प्रकाशित तो किया ही गया है साथ ही उनके हाथ में बैट, ट्राफी, ग्लव्ज व हाथ में घड़ी के साथ पैंट-कोट पकड़े हुए दिखाया गया है। इस अंक के मार्केट में आते ही बवाल खड़ा हो गया है और हिंदू संगठनों के साथ-साथ सामाजिक चिंतन करने वाले संगठन भी इसके विरोध में खड़े होने लगे हैं। ऊना जनहित मोर्चा के अध्यक्ष व प्रवक्ता राजीव भनोट ने तलख तेवर अपनाते हुए कहा कि हिंदोस्तान में इस प्रकार से हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करना रिवायत बनती जा रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पत्रिका जैसे जिम्मेदार मीडिया संस्थान को इस प्रकार की गलती नहीं करनी चाहिए थी, जिससे हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस लगे। उन्होंने कहा कि जनहित मोर्चा की आपात बैठक में इसकी निंदा करने के बाद निर्णय अनुसार पत्रिका को कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें 15 दिनों के भीतर उन्हें भगवान के अपमान के लिए माफी मांगने के लिए कहा गया है और आगामी अंक में भी इसके लिए खेद जताने को कहा गया है। उन्होेंने कहा कि यदि पत्रिका के जवाबदेह प्रतिनिधियों ने माफी सार्वजनिक रूप से न मांगी तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, वहीं जनहित मोर्चा ने इस मामले को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व अन्य प्रमुख लोगों को पत्रिका की प्रतियों सहित पत्र लिखकर ऐसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। जनहित मोर्चा के चेयरमैन नवदीप कश्यप, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलविंद्र गोल्डी, शिव कुमार, संजीव कुमार, महासचिव राजकुमार पठानिया ने कहा कि इस प्रकार से भगवान के अपमान के कृत्यों पर कड़ा कानून बनाना चाहिए।
source: DivyaHimachal
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