धर्मशाला — इंदौरा क्षेत्र में कार्यरत पटवारी गौरव वशिष्ठ ने दो हजार रुपए के लिए अपना ईमान बेच दिया। पटवारी ने सीआरपीएफ जवान को जमीन की फर्द और जमाबंदी देने के लिए कई दिन चक्कर लगवाने के बाद दो हजार रुपए देने की मांग कर डाली। इस पर सुरेंद्र के ससुर हरजिंद्र सिंह ने विजिलेंस में शिकायत कर पटवारी के खिलाफ जाल बिछवा दिया। नोट लेकर काम करने वाला पटवारी आखिर में बुधवार को विजिलेंस टीम के शिकंजे में फंस गया। विजिलेंस ने उसे गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है। विजिलेंस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योग राज जरियाल ने बताया कि इंदौरा तहसील के ढांगूपीर, नई बस्ती के रहने वाले हरजिंद्र सिंह की शिकायत पर विजिलेंस ने पटवारी गौरव वशिष्ठ के खिलाफ जाल बिछाया था। हरजिंद्र सिंह पंजाब पुलिस से हैड कांस्टेबल रिटायर हुए हैं। हरजिंद्र सिंह के दामाद सुरेंद्र सिंह सीआरपीएफ में कार्यरत हैं। सुरेंद्र सिंह ने इंदौरा के ही खानपुर में जगदीश सिंह व उनकी माता सुरेंद्र कौर से 12 कनाल जमीन खरीदने का एग्रीमेंट किया था, जिसकी रजिस्ट्री करवाने के लिए वह जमीन की फर्द और जमाबंदी प्राप्त करने के लिए हलका पटवारी के पास कई दिनों से चक्कर काट रहा था, जबकि पटवारी कागजात देने से टालमटोल कर रहा था। 12 अप्रैल को जब सुरेंद्र फिर पटवारी गौरव के पास गया तो उसने कागजात देने के बदले दो हजार रुपए रिश्वत के तौर पर मांगे। इस पर सुरेंद्र ने अपने ससुर हरजिंद्र को बात बताई और हरजिंद्र सिंह ने विजिलेंस से बात कर आरोपी को पकड़ने की शिकायत की। विजिलेंस के पुलिस अधीक्षक विमल गुप्ता ने एक टीम का गठन कर गौरव को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। विजिलेंस ने दो हजार रुपए देकर सुरेंद्र को पटवार खाने भेजा और जब उसने पटवारी को राशि थमाई, तभी विजिलेंस टीम ने आरोपी पटवारी को रंगे हाथों धर दबोचा। एसपी विजिलेंस विमल गुप्ता ने खबर की पुष्टि की है।
source: DivyaHimachal
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