धर्मशाला — रबी की फसलों पर मौसम का रुख भारी पड़ रहा है। कड़ाके की गर्मी वाले दिनों में हो रही बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इस बार अच्छी पैदावार की उम्मीद है, लेकिन दो-चार दिनों के बाद हो रही बारिश, तूफान ओलावृष्टि से गेहूं सहित अन्य फसलों को बीमारियां लगने का डर सताने लगा है। कृषि विशेषज्ञ बारिश को अच्छा मानते हैं, लेकिन उसके साथ आने वाले तूफान और ओलावृष्टि को फसलों के लिए खतरनाक माना जा रहा है। ऐसे में उन्हीं किसानों को राहत मिल पाएगी, जिन्होंने फसलों का बीमा करवाया होगा अन्यथा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। कड़ाके की गर्मी वाले अप्रैल माह में हो रही बारिश और ठंडे मौसम ने किसानों के माथे की लकीरें गहरी कर दी हैं। बार-बार बदल रहा मौसम तैयार हो रही फसलों के लिए भी खतरनाक बताया जा रहा है। खराब मौसम के साथ चल रही हवा के कारण गेहूं की फसल के जमीन में फैलने से खराब होने की आशंका जताई जा रही है। इतना ही नहीं, बारिश के साथ गिरने वाले ओले भी तैयार हो रही फसल को नष्ट कर सकते हैं। खुले में तैयार होने वाली इन फसलों को बचाने का कृषि विभाग के पास भी कोई उपाय नहीं है। विभागीय अधिकारी मानते हैं कि प्राकृतिक प्रकोप से बचाव के लिए तो फसलों की इंश्योरेंस ही किसानों को राहत दिला सकती है। उधर, सब्जियों के बीजों को ओलावृष्टि उगने से पहले या उगते समय बर्बाद कर सकती है, जबकि आलू की फसल को लेट व्हाइट रोग लगने का भय है। किसान ऐसे समय में फसलों पर हर दिन नजर रखते हुए नजदीकी कृषि विशेषज्ञों से संपर्क कर फसलों को रोगों से बचा सकते हैं। अभी तक कृषि विभाग के पास गेहूं या अन्य किसी फसल को बीमारी लगने का मामला सामने नहीं आया है।
source: DivyaHimachal
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