वन विभाग को 390 करोड़ का चूना


शिमला — हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने वर्ष 2011-12 तक पिछले पांच साल में वन प्राप्तियों पर ध्यान ही नहीं दिया, जिससे सरकारी खजाने 390 करोड़ का चूना लगा। कैग के मुताबिक इन वर्षों में विभाग व वन निगम को इस संबंध में कहा भी जाता रहा, मगर ध्यान नहीं दिया गया नतीजतन 228 मामलों में वन प्राप्तियों में कम रॉयल्टी वूसली गई, जिससे सरकार को 390.92 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। बताते हैं कि लकड़ी को बेचने पर जो राशि निर्धारित रॉयल्टी के मुताबिक वसूल की जानी थी, वह नहीं हो सकी। ऐसा किसी एक वन मंडल में नहीं हुआ है, बल्कि प्रदेश के अधिकांश वन मंडलों में हुआ है जहां पर वन विभाग और वन निगम सही तरह से लकड़ी की दरों को तय नहीं कर पाया है। महालेखाकार की रिपोर्ट के मुताबिक वन प्राप्तियों के प्रबंधन की निष्पादन लेखापरीक्षा के एक मामले में 62.96 करोड़ रुपए का चूना लगा, वहीं रॉयल्टी की अवसूली के 34 मामलों में 14.36 करोड़ रुपए की कम वसूली की गई। इस पर ब्याज के अनुदग्रहण से सरकार को 19 मामलों में 1.12 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा, वहीं 163 मामलों में अन्य प्रकार की अनियमितताओं से सरकार को 312.14 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2011-12 के दौरान 10 मामलों में 38.39 लाख रुपए की वसूली विभाग ने कर ली है।







source: DivyaHimachal

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