भक्तों पर बरसा अमृत

नादौन — नगर पंचायत नादौन कार्यालय परिसर के निकट आयोजित श्री राम कथा के दौरान दूसरे दिन प्रवचन करते हुए आचार्य सुरेंद्र शास्त्री ने तपस्या साधना एवं भक्ति भावना से प्रसन्न होकर प्रकट हुए भगवान श्री राम जी ने पूर्व जन्म की अदिति के नाम से विख्यात इस जन्म में कौशल्या माता को अपना विराट स्वरूप दो बार दिखाया, जिसका दर्शन करने पर उनका अज्ञान पूर्ण तथा नष्ट हो गया तथा प्रभु परायघाता में पारंगत हो कर प्रभु की कृपा की पात्र बन गई। भारतीय संस्कृति के सर्वमान्य एवं पूज्य दो ग्रंथ श्री रामायण एवं श्रीमद्भागवदगीता के दो श्री भगवान के स्वरूप श्रीराम एवं श्रीकृष्ण जी ने अपनी पूज्य माता कौशल्या तथा यशोदा को उनकी भावना एवं प्रेम को वश में हो कर दो एवं तीन बार अपना विराट स्वरूप अपनी मौज में दिखाया, जबकि श्री कृष्ण ने अर्जुन को उस की इच्छा पर दर्शन कराया। अपनी योग्यता एवं सफलता को प्रभु पर समर्पित करना ही इस राम कथा के माध्यम से बहुत बड़ी शिक्षा स्वीकार करनी चाहिए। समर्पित भक्त के लिए ही श्री भगवान कृपापूर्वक उज की गोद में जाने को अपना गौरव समझते हैं। आश्रित जन की रक्षा एवं विकास के लिए वह अपने संबंध में पिता-माता आदि का भी त्याग करते हुए मुनि विश्व मित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए उनके साथ जाते हैं। ताड़का एवं सुवाहु का अंत करके उन्हें सद्गति प्रदान करते हैं, अहिल्या का उद्वार करने के बाद प्रभु ने जनक पुरी में जिस प्रकार धनुष को तोड़कर सभी राजाओं को हतप्रभ कर दिया ऐसा पवित्र एवं धार्मिक राम चरित्र सुनकर सभी लोगों ने आनंद अनुभव किया।






source: DivyaHimachal

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