साहब! जेल की सुरक्षा दीवार ने लील ली कूहल

चंबा — मुख्यालय के साथ लगते राजपुरा गांव में जेल की सुरक्षा दीवार के भीतर सिंचाई कूहल के आने के चलते सब्जी उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस स्थिति के चलते किसानों को हजारों रुपए का नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। इसके अलावा जेल के निर्माण से ग्रामीणों के रास्तों को बंद करने से ग्रामीण सकते में आ गए हैं। लिहाजा जेल निर्माण के बाद राजपुरा और शालीमार के ग्रामीणों को पेश आ रही दिक्कतों के चलते एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उपायुक्त चंबा के दरबार में हाजिरी भरी है और अपनी समस्याओं से रू-ब-रू करवाया। मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय चंबा पहुंचे ग्रामीणों जयंत कुमार, कमल, शीला देवी, ओमनाथ, अमर चंद, धरमू, अंजना कुमारी, धर्म चंद, संजय नाथ, देशराज, चिंतो देवी व अमरनाथ का कहना था कि जेल के निर्माण के चलते यहां लगाई गई सुरक्षा दीवार में सिंचाई कूहल आ गई है और इसे उखाड़ दिया गया है। उनका कहना है कि राजपुरा और शालीमार के ग्रामीण लंबे समय से सब्जी उत्पादन कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। उनका कहना था कि इस सिंचाई कूहल का राजस्व विभाग में भी जिक्र है। अलबत्ता कूहल के उखाड़ने के चलते अब किसानों को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सिंचाई की व्यवस्था न होने के चलते सब्जी उत्पादन का कार्य भी बंद हो गया है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग उठाई है कि जब तक सिंचाई की व्यवस्था नहीं हो जाती, उनके नुकसान की भरपाई की जाए। ग्रामीणों ने जेल भवन के साथ वाले ग्रामीणों के रास्तों को भी बंद न करने की मांग प्रशासन के समक्ष उठाई है। उनका कहना है कि भूमि संबंधी कार्य के लिए उनका आना-जाना लगा रहता है। रास्तों के बंद होने पर उन्हें भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उधर, उपायुक्त चंबा संदीप कदम का कहना है कि जल्द ही मौके पर जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया जाएगा और ग्रामीणों की समस्याओं का निपटारा किया जाएगा।






source: DivyaHimachal

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