राजगढ़ में फूलों से लदे फलदार पौधे


राजगढ़ — सर्दी ने जैसे ही अपना बोरिया बिस्तर समेटा कि ‘बहार’ ने अपनी छटा बिखेरनी आरंभ कर दी है। इस बदलते मौसम ने फलदार पौधों को फूलों से सजाना आरंभ कर दिया है तथा घरों में दुबके लोगों ने बाहर निकल कर उस मनमोहक दृश्यावली को निहारना। आजकल बागबानों के चेहरों पर रौनक दिखाई दे रही है। एक ओर जहां उन्हें कड़ी ठंड से छुटकारा मिल गया है, वहीं दूसरी ओर अर्ली, आड़ू, प्लम, खुमानी, नेक्टरीन तथा पीचरीन फलदार पौधों पर भरपूर फ्लावरिंग दिखाई दे रही है, जिससे उन्हें अच्छी पैदावार होने की उम्मीद नजर आ रही है। ऐसा लगता है कि इस बार प्रचुर मात्रा में चिलिंग आवर्ज प्राप्त होने से स्टोन फ्रूट्स के साथ-साथ सेब बागबानों को भी भरपूर फसल मिलने वाली है। इस समय क्षेत्र में फलों की अगेती किस्मों पर फूल निकल आए हैं, जिनमें आड़ू की शाने पंजाब, रेड हैवन, सन हैवन, प्लम की सेंटा रोजा, आड़ू और प्लम का क्रास नेक्टरीन, नेक्टरीन एवं आड़ू का क्रास पीचेरीन एवं खुमानी की न्य कैसल तथा केशा शामिल हैं। उक्त किस्मों पर जानकारी देते हुए नाहन के पूर्व बागबानी उपनिदेशक डा. एसके क्टोच ने बताया कि ये सभी स्टोन फ्रूट्स की अर्ली किस्में हैं, जो अपै्रल महीने से ही बाजार में पहुंचनी आरंभ हो जाती है। उस दौरान बाजार फलों से खाली होता है और जैसे ही ये अगेती किस्में बाजार में पहुंचती हैं तो यह माल हाथोंहाथ बिक जाता है और बागबानों को मुंह मांगे दाम मिल जाते हैं। इसी संभावना को देखते हुए प्रदेश में अब सेब की अर्ली किस्में भी शामिल की गई हैं, जिनमें विदेशी किस्में अन्ना एवं डोरसेट गोल्डन मुख्य रूप से आयातित हैं। ज्ञात रहे इस वर्ष इन किस्मों को प्रयोग के तौर पर बागबानों को बांटा गया है। यदि यह प्रयोग सफल रहता है दो वर्षों के बाद स्टोन फ्रूट्स के साथ साथ सेब भी अप्रेल-मई में मार्केट में अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकता है। उन्होंने स्टोन फ्रूट्स की अच्छी फसल होने की संभावना जताई है तथा कहा कि अभी तक के मौसम एवं भरपूर चिलिंग आवर्ज को देखते हुए सेब बागबानों के लिए भी यह साल अच्छा साबित होने वाला है।







source: DivyaHimachal

Full Story at: http://www.divyahimachal.com/himachal/paonta-sahib-sirmaur-news/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%97%e0%a4%a2%e0%a4%bc-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ab%e0%a5%82%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%a6%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%b2/

Post a Comment

Latest
Total Pageviews