जनवरी-फरवरी महीने में हुई बर्फबारी और बारिश से 229 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। आकलन अभी भी जारी है। यही नहीं, फलों व अन्य सब्जियों के हुए नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है। राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने बताया कि 23 लोगों की प्राकृतिक आपदा के कारण मौत हुई, वहीं पशुआें का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। विधायक रविंद्र रवि, महेंद्र सिंह, गोबिंद ठाकुर व सुरेश भारद्वाज के संयुक्त प्रश्न के उत्तर में कौल सिंह ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर सरकार ने 121 करोड़ 83 लाख 28 हजार रुपए की धनराशि विभिन्न जिलों को जारी की है, जिसमें से 72 करोड़ रुपए विभागों को मूलभूत कार्यों को निपटाने के लिए जारी किए गए हैं। इसके अलावा जिलाधीशों के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों के लिए 49 करोड़ रुपए दिए हैं। आपदा में कारण किन्नौर में 15, जबकि शिमला में आठ लोगों की मौत हुई है। मृतकों के आश्रितों को सरकार ने 2420000 रुपए जारी किए हैं, जबकि पशुआें के नुकसान पर 217483 रुपए मुआवजे के रूप में देने को जारी किए गए हैं।
पेंशन के नियम बदलेंगे
सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिए जाने को लेकर पूर्व सरकार द्वारा बनाए गए नियमों में बदलाव किया जाएगा। यह एलान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनी राम शांडिल ने किया। उन्होंने कहा है कि सरकार पेंशन सेवा बढ़ाने के लिए आय सीमा को बढ़ाने का भी विचार रखती है, लिहाजा इस मामले में जल्दी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने विधायक महेश्वर सिंह को बताया कि राज्य सरकार पात्र व्यक्ति के चयन में इन्कम का क्राइटेरिया रखती है, जबकि केंद्र सरकार बीपीएल का मापदंड देखकर पेंशन देती है। उन्होंने विधायक द्वारा दिए सुझाव को संशोधन में शामिल करने का आश्वासन दिया। विधायक जयराम ठाकुर ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की एक कमी पर कहा कि जो व्यक्ति पेंशन ले रहा है, उसे यह पता नहीं चलता कि कब उसकी पेंशन बंद हो गई। इसका भी प्रावधान बदलाव में किया जाना चाहिए। विधायक राजीव बिंदल का कहना था कि नौ हजार आय का प्रमाण पत्र कोई पटवारी नहीं देता, इसलिए इसको बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने पूर्व सैनिकों जो अब सरकारी सेवा में लगे हैं की जब नए पात्र लोगों को पेंशन सुविधा देने पर भी विचार करने की बात कही।
source: DivyaHimachal
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