शिमला — कृष्णानगर में जमीन दरकने लग पड़ी है। इसकी वजह से यहां सैकडों घरों में खतरा पैदा हो गया है। 30 साल पहले भी यहां जमीन खिसकने से कई घरों को नुकसान पहुंचा था। अब दोबारा यहां जमीन खिसकने का क्रम जारी हो गया है, जिसके चलते यहां कुछ मकान गिर गए हैं, और कुछ गिरने की कगार पर खड़े हैं। निगम के मेयर संजय चौहान ने रविवार को क्षेत्र का दौरा करके, स्थिति का जायजा लिया, जिसमें उन्होंने पाया कि यह जमीन धीरे-धीरे खिसक रही है। उन्होंने बताया कि जमीन का छोटा टुकड़ा नहीं है, जो अपनी जगह से सरक रहा है, बल्कि क्षेत्र का बड़ा भू-भाग है, जो अपनी जगह हिल रहा है, और यह धीमी गति से चलने वाली प्रक्रिया है, जो शुरू हो चुकी है। स्थिति का जायजा लेने के लिए निगम के अधिशासी अभियंता सेनटरी इंस्पेक्टर और अन्य अधिकारी भी महापौर के साथ, मौके पर गए थे। मेयर ने बताया कि यहां जमीन बैठ रही है। जमीन पर लोड़ बढ़ने की वजह से भूमि के बैठने की बात कही। उन्होंने कहा कि भूमि की जांच के लिए वह सोमवार को ज्योलाजिकल टीम से सर्वें करवाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां जमीन धंसने के कारण लोगों के घरों में दरारे पैदा हो रही हैं। जिसका स्थायी समाधान निकाला जाना बेहद जरुरी है। संजय चौहान ने बताया कि जमीन खिसकने से जिन लोगों को नुक्सान झेलना पड़ा है। उपायुक्त से उसकी भरपाई के लिए कह दिया गया है। साथ ही उनसे मांग की गई है कि जिनके मकान गिरे हैं, उनके लिए जिला प्रशासन रहने की अस्थायी व्यवस्था करके दें। यहां बता दें कि लवकुश चौक से स्लाटर हाऊस तक जमीन धरकने वाली बताई जा रही है। जिसकी वजह से यहां बने सैकड़ों भवन सेफ नहीं हैं। भवनों की सुरक्षा के लिए निगम सोमवार को ज्योलोजिकल टीम के साथ आवश्यक बैठक करके आगे की रणनीति तैयार करेंगे। मेयर ने कहा कि राजीव आवास योजना को शुरू करवाने के बाद ही लोगों को गिरने के खतरे से मुक्त करवाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योजना को शीघ्र शुरू करवाने के लिए नई डीपीआर केंद्र को भेज दी गई है, तथा शीघ्र इसके मंजूर होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट का शुरू करने से पहले यहां का ज्योलोजिकल स्टैटस क्लीयर हो जाए, ताकि डीपीआर मंजूर होते ही काम को शुरू करने में आसानी रहे। शिमला में जमीन दरकने का सिलसिला शुरू हो चुका है। सबसे पहले रिज के बहुत बड़े भू-भाग के अपनी जगह से खिसकने की घटना पेश आई। जिस पर आज दिन तक निगम काम करके दरारों को भरने में लगा हुआ है। रिज के बचाव के लिए करोडों का प्रोजेक्ट तैयार भी किया गया, जो अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाया। इसी तरह कालीबाड़ी मार्ग के पास भी सड़क पर दरारे देखी गई हैं, जिन्हें भरा गया है। अब कृष्णानगर में जमीन दरकने की घटना घटी है, जो निगम के लिए सोचने का विषय बन गया है।
source: DivyaHimachal
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