चंबा — केंद्र सरकार के भारत साक्षर मिशन के तहत जिला चंबा में तैनात शिक्षकों पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं अब जिला प्रशासन द्वारा सात शिक्षकों को मिशन से बाहर निकालने की वजह पूछने पर पाठशालाओं में पढ़ाई बाधित होना बताया जा रहा है। बावजूद इसके मिशन में दो नए शिक्षकों को भी अब शामिल कर लिया है। अलबत्ता मौजूदा समय में भारत साक्षर मिशन के तहत कुल नौ शिक्षक पाठशालाओं का कामकाज छोड़ यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में संबंधित शिक्षकों की पाठशालाओं में बच्चों की पढ़ाई पर क्या असर पड़ रहा है। इसकी पूरी तरह से अनदेखी की गई है। कुल-मिलाकर जिला में भारत साक्षर मिशन के तहत तैनात किए गए शिक्षकों की प्रक्रिया पर ही अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं। जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 में भारत साक्षर मिशन शुरू किया गया था। इसके तहत जिला के विभिन्न ब्लॉकों में शिक्षा विभाग से 13 शिक्षकों की तैनाती बतौर खंड और जिला समन्वयक के तौर पर की गई। मिशन के शुरू होने के दो वर्ष बाद अब जिला प्रशासन ने सात शिक्षकों को यह कह कर बाहर का रास्ता दिखा दिया है कि संबंधित पाठशालाओं में पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। अहम है कि मौजूदा समय में भी भारत साक्षर मिशन के तहत कुल नौ शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिनमें एक एचएम, पांच जेबीटी, एक एचटी और दो सीएचटी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सात शिक्षकों को निकालने के बाद मिशन में दो की तैनाती भी कर दी गई। इसके चलते इन शिक्षकों को बाहर निकालने और नए को शामिल करने के पीछे की मंशा पर भी तरह-तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इसके तहत शिक्षकों का एक वर्ग इस पूरी प्रक्रिया को राजनीति से भी जोड़ कर देख रहा है। उधर, एडीसी आरएस राणा का कहना है कि सात शिक्षकों को मिशन से बाहर हटाने का मामला ध्यान में है। मिशन के अध्यक्ष उपायुक्त चंबा हैं और शिक्षकों को हटाना और तैनात करना उनके अधिकार क्षेत्र में है।
source: DivyaHimachal
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