चौहारघाटी-छोटा भंगाल फिर बर्फ में कैद

बरोट — जिला की चौहार घाटी व छोटा भंगाल में बारिश व बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बुधवार सुबह पांच बजे वर्षा व बर्फ गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। घाटी में इस बार सीजन की पांचवीं बर्फबारी ने चौहार घाटी के मियोट, खलैहल, छोटी झरवाड़, बड़ी झरवाड़, कथयाह, रुलिंग व छोटा भंगाल घाटी के बड़ाग्रां, नलौहता, शपौता, रुलिंग, गुंधा, कोठी-कोहड़, सरला, घरमाण व सरमण आदि गांवों को आगोश में ले लिया है। इन दुर्गम गांवों में हो रही भारी बर्फबारी के चलते लोग घरों में दुबके हुए हैं। वहीं घाटी के निचले क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। ठंड ने भी एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की बात की जाए, तो इस मौसम की बेरुखी ने उन्हें झकझोर दिया है। दुर्गम क्षेत्र की पाठशालाओं में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे ठंड में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। एक तरफ बच्चों के सिर पर वार्षिक परीक्षाएं हैं, वहीं मौसम की बेरुखी ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। घाटी के लोगों का कहना है कि मौसम साफ होने से कृषक खेताबाड़ी के काम में जुट गए थे, लेकिन मौसम में फिर से आए बदलाव के कारण यह कार्य अब बंद करना पड़ा है। भारी वर्षा व बर्फबारी के कारण बरोट-मियोढ नौ किलोमीटर सड़क मार्ग एक बार फिर से अवरुद्ध हो गया है। मुलथान-बड़ाग्रां 16 किलोमीटर सड़क मार्ग पर गली नामक स्थान में ल्हासा गिरने से 24 दिनों से बंद है। वहां वर्षा व बर्फ से और भी मुश्किल हो गई है। उधर, लुहारड़ी क्षेत्र के लहासा नामक स्थान में बनाए गए छेंपा राम के मकान व उपजाऊ जमीन को खतरा हो गया है।






source: DivyaHimachal

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