इन पैरों को सलाम, यहां हाथों का क्या काम


विनोद भावुक, मंडी


शारीरिक रूप से चुनौती प्राप्त जीवट की धनी रानी ने संघर्ष की अनूठी कहानी लिख डाली है। रानी जिसके हाथ कोई भी काम करने में असमर्थ हैं, उसने अपने पांव से लिखकर दस जमा दो परीक्षा पास कर ली है। रानी की इस संघर्ष की गाथा ने इस बात को साबित कर दिया है कि इरादे मजबूत हों तो मंजिल खुद कदम चूम लेती है।


चौंतड़ा के गरीब परिवार से संबंध रखने वाले सीमा राम व उर्मिला देवी की बेटी रानी बचपन में पोलियो का शिकार हो गई थी। उसने एक बार पांव से लिखना शुरू किया और पीछे नहीं हटी। उ



source: Jagran

Full Story at: http://www.jagran.com/himachal-pradesh/mandi-10173010.html


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