शाहतलाई — बाबा बालकनाथ की तपोभूमि शाहतलाई के दोनों ओर दुग्ध व सरहयाली खड्डों में प्रवासी लोग खुले में शौच कर उड़ा रहे हैं सरकार के शौच मुक्त अभियान की धज्जियां, परंतु संबंधित विभाग व पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधि मूक दर्शक बने हुए हैं। काबिलेगौर है कि बाबा बालकनाथ की तपोभूमि शाहतलाई के दोनों ओर स्थित खड्डों में झुग्गी-झोंपडि़यों व किराए के मकानों में रह रहे प्रवासी लोग चरणगंगा के नाम से जाने-जानी वाली दुग्ध खड्ड तथा सरहयाली खड्ड में खुले में शौच जा रहे हैं, जिस कारण एक ओर जहां क्षेत्र में गंदगी का आलम है, वहीं सरकार की शौच मुक्त करने के अभियान को करारा झटका लग रहा है, परंतु सोचने वाली बात है कि शौच मुक्त क्षेत्र बनाने व शौच मुक्त घोषित करने वाली एजेंसियां एवं विभाग मात्र दर्शक बनकर सब कुछ देख रहे हैं। याद रहे कि नगर पंचायत तलाई मंे स्थित बाबा जी के मंदिर शाहतलाई हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा जी के दर्शनार्थ आते हैं और वो बाबा जी के दर्शन करने से पूर्व दुग्ध व सरहयाली खड्ड में स्नान करते हैं। उधर, इस बारे ग्राम पंचायत नघियार की प्रधान मीनाक्षी का कहना है कि उन्होंने ग्राम पंचायत नघियार के लोगों को किराए पर मकान देने के साथ शौचालय भी उपलब्ध करवाने को कहा है। वहीं, नगर पंचायत तलाई के उपाध्यक्ष पवन कौशल ने भी मकान मालिकों से अनुरोध किया है कि वे किराएदारों को शौचालय उपलब्ध करवाएं। नगर पंचायत तलाई के सचिव ओपी शर्मा का कहना है कि खुले में शौच जाना गैर कानूनी है और उल्लंघनकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, झंडूता विकास खंड अधिकारी जय सिंह ठाकुर ने कहा कि यह जिम्मेदारी पंचायतों की है और उनके पास शक्तियां हैं कि खुले में शौच करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाए।
source: DivyaHimachal
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