धर्मशाला — मनरेगा के तहत पंचायतों को अब हर वार्ड में कम से कम एक काम शुरू करवाना अनिवार्य बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं, अब 60-40 की रेशो का नियम भी काम पर नहीं, बल्कि पंचायत के बजट में दर्शाना होगा। इसके अलावा हर गांव के विकास को सुनिश्चित करने और हर व्यक्ति जो रोजगार चाहता है, उसे काम देने के लिए नए प्रावधान किए गए हैं। यानी मनरेगा में काम करने के लिए अब लोगों को सामाान उठाकर पंचायत की ओर से निर्धारित स्थल पर ही काम करने के लिए नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि मनरेगा में रोजगार पाने वाला व्यक्ति अपनी बंजर जमीन को भी खेतों में बदल सकता है। मनरेगा में अब खेल के मैदान बनाने के कामों को भी हरी झंडी दे दी गई है। पंचायत में प्रधान इच्छाशक्ति रखता हो तो ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के साथ साथ सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मुहैया करवा सकते हैं। लेबर और मैटीरियल में 60-40 की रेशो मेंटेंन करने के चक्कर में परेशान हो रही पंचायतों को बड़ी राहत दी जा रही है। अब किसी एक काम में यह रेशो नहीं बनानी होगी, बल्कि पंचायत में चल रहे पूरे कार्यों को इस रेशो के तहत किया जा सकता है। यानी अब मैटीरियल अधिक और लेबर कम लगने वाले काम प्रभावित नहीं होंगे। इतना ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत पंचायत के हर वार्ड में कम से कम एक काम शुरू करवाने के भी जिला प्रशासन ने निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रशासन ने मनरेगा के कार्यों और उसके रिकार्ड को निर्धारित समय के भीतर ऑनलाइन न करने वाले पंचायत अधिकारियों के खिलाफ भी शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं। उधर, अतिरिक्त उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर का कहना है कि मनरेगा को अभी भी पंचायत प्रधानों सहित सरकारी कर्मचारी धरातल में पूरी तरह से लागू नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। इससे जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित प्रधानों को नई योजनाओं और जनता को मिलने वाली सुविधाओं को समझना होगा।
source: DivyaHimachal
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