साहब! हमें भी सेंक्चुरी से आजाद कराओ

नयनादेवी — यहां के समीपी पंचायत मंडयाली व सलोआ के लोगों ने वन मंत्री से क्षेत्र के कुछ गांवों के सेंक्चुरी एरिया से मुक्त न होने पर अपना कड़ा एतराज जाहिर किया है। मंडयाली पंचायत के प्रधान राम कृष्ण व उपप्रधान राम चंद्र ने सैकड़ों लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन वन मंत्री ठाकुर भरमौरी, सीसीएम शिमला और वन मंडलाधिकारी हमीरपुर को भेजा है। लोगों का कहना है कि मंडयाली ग्राम पंचायत के गांव गलुआ खड़बली, भनसुई, नीमआली को वन्यप्राणी क्षेत्र से बाहर किया जाए। गौर हो कि अभी हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने सेंक्चुरी एरिया को मुक्त करने का ऐतिहासिक फैसला लोगों के हक-हकूक के लिए दिया था। लोग अपनी जमीनों में खड़े खैर के वृक्ष तक नहीं काट पा रहे थे, यहां तक कि लोग घास काटने तक वंचित हो रहे थे। 2004-5 में सरकार ने सारा मामला उच्चतम न्यायालय में रखा और सात-आठ वर्ष बाद श्रीनयनादेवी सेंक्चुरी एरिया को हटा दिया, परंतु लोगों की दलील है कि पंचायत मंडयाली एवं सलोआ के अभी भी कुछ ऐसे गांव हैं, जो कि पूर्ण रूप से वन्य क्षेत्र से बाहर नहीं हैं। लोगों का मानना है कि हजारों की आबादी वाले गांव अभी भी कंजरवेशन रिजर्व में है, जिससे लगता है कि लोगों का हक हकूक अभी तक पूरा नहीं मिला। वन विभाग के कंजरवेशन रिजर्व में अभी भी कुछ गांव रह गए हैं, जिन्हें सेंक्चुरी एरिया से मुक्त नहीं किया गया। लोगों का मानना है कि अगर उनके गांवों में सड़क निकालने का प्रावधान और खैर कटान सहित अन्य रास्तों के निर्माण में कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए। इस मामले बारे वन मंडल अधिकारी संगीता ने बताया कि कुछ लोग जान बूझकर गुमराह कर रहे हैं और सरकार ने इतनी बड़ी लड़ाई पर जीत हासिल की है वे लोगों के हक के लिए लड़ी है। कंजरवेशन रिजर्व में कोई भी ऐसी बाधा नहीं है कि लोगों को रास्ते बनाने या अपनी भूमि पर खैर काटने पर प्रतिबंध रहा हो।






source: DivyaHimachal

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