परवाणू — केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की आगामी 20-21 फरवरी की हड़ताल को लेकर परवाणू में भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू)की जिला स्तर पर जनसभा का आयोजन किया गया। इस जनसभा में यूनियन के 300 से अधिक लोगों ने भाग लिया। परवाणू में आयोजित जनसभा में सीटू नेताओं ने कर्मचारी हितों को लेकर सरकार को जमकर लताड़ लगाई। देश में बढ़ती तेल कीमतों, महंगाई, भ्रष्टाचार व श्रम कानूनों की खुलेआम उपेक्षा को लेकर सरकार की ढीली कार्यप्रणाली की निंदा की गई। इस दौरान आगामी दो दिवसीय राष्ट्र स्तरीय हड़ताल के लिए भी श्रमिकों से तैयार रहने का आह्वान किया गया है। परवाणू के वेद मंदिर में आयोजित जनसभा स्थल पर सीटू के प्रदेशाध्यक्ष पंवर जगत राम ने कहा कि कर्मचारी यूनियनों को मजबूरन इस प्रकार के हड़ताल कार्यक्रमों का आयोजन करना पड़ रहा है। सरकार कर्मचारी हितों की ओर गौर न करते हुए औद्योगिक घरानों की सुविधाओं पर ही ध्यान देने में लगी है। इस कारण यूनियनों को अपने हकों के लिए इस प्रकार के प्रदर्शनों का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि डीजल कीमतों के नियंत्रण को निजी क्षेत्र में सौंपना गलत है। इससे देश में महंगाई व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदेश में सीटू भी हड़ताल पर रहेगी। प्रदेश महासचिव कश्मीर सिंह ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि श्रम कानूनों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी अपने कार्यालयों में ही जमे रहते हैं। इस कारण उद्योगों व ठेकेदारों के पास काम कर रहे मजदूरों का खुलेआम शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र को मजदूर की न्यूनतम मासिक दिहाड़ी 10 हजार रुपए निर्धारित करनी चाहिए। इससे श्रमिक भी अपने परिवार का सही से पालन-पोषण कर पाएगा। इस मौके पर जिला प्रधान ओमदत्त शर्मा, महासचिव एनडी रनोट सहित अन्य श्रमिक नेताओं ने भी अपने विचार यूनियन सदस्यों के सामने रखे। सीटू की इस जनसभा के बाद वेद मंदिर परिसर में जिला के प्रतिनिधियों की दो दिवसीय बैठक की शुरुआत की गई। इस बैठक में आगामी हड़ताल व अन्य श्रमिक समस्याओं को लेकर मंथन किया।
source: DivyaHimachal
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